नई दिल्ली: विश्व में हर साल 14 मार्च को विश्व किडनी दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर गुरुवार को डॉक्टरों ने बढ़ती किडनी (गुर्दे) की बीमारी को लेकर बात की। डॉक्टरों का कहना है कि नमक और चीनी से भरपूर डाइट के साथ अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण बच्चों में किडनी की बीमारी बढ़ रही है।
विश्व किडनी दिवस मनाने का उद्देश्य किडनी के विभिन्न खतरों के बारे में जागरूकता फैलाना है। अनहेल्दी फास्ट फूड का सेवन, व्यायाम की कमी किडनी की बीमारियों के बढ़ने में प्रमुख फैक्टर रहे हैं। ये फैक्टर हाई ब्लडप्रेशर और मधुमेह जैसी अन्य बीमारियों को भी जन्म देते हैं, जो किडनी को नुकसान पहुंचाते हैं। दिल्ली स्थित सीके बिरला हॉस्पिटल में नियोनेटोलॉजी और पीडियाट्रिक्स की निदेशक पूनम सिदाना ने आईएएनएस को बताया, ''बचपन में किडनी की बीमारी में बढ़ोतरी पर आकड़े हैं। यह बढ़ोतरी लाइफस्टाइल फैक्टरों से जुड़ी है।''
उन्होंने आगे कहा कि नमक और चीनी से भरपूर डाइट के साथ अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण बच्चों में किडनी की बीमारी बढ़ रही है। ये आदतें खराब स्वास्थ्य में योगदान करती हैं, जिसमें मधुमेह और मोटापे में वृद्धि भी शामिल है, जो किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं। धूम्रपान और शराब के सेवन से भी किडनी की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।'' बेंगलुरु के नारायणा हेल्थ सिटी की बाल रोग विशेषज्ञ अखिला वसंत हसन ने आईएएनएस को बताया, ''बच्चों में पथरी के मामले विश्व स्तर पर बढ़े हैं।"
उन्होंने अफसोस जताया कि 'नमक और प्रोटीन की बढ़ती खपत तथा बढ़ता मोटापा बच्चों में 75 से 85 प्रतिशत किडनी स्टोन के लिए जिम्मेदार है। कुपोषण और पानी की कमी भी किडनी की पथरी में वृद्धि में योगदान दे सकती है। डॉक्टरों ने किडनी और अच्छी हेल्थ के लिए रोजाना व्यायाम, हेल्दी डाइट, फलों और सब्जियों का सेवन बढ़ाने और ज्यादा नमक खाने से बचने और चीनी से बने खाद्य पदार्थों का कम सेवन करने की सलाह दी है।