कोविड-19, मधुमेह और उम्र संबंधी दिक्कतों में फायदेमंद ग्रीन-टी, अध्ययन में दावा

दुनियाभर में तमाम प्रकार के स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए वर्षों से ग्रीन-टी का सेवन किया जाता रहा है।

Update: 2021-10-12 12:04 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दुनियाभर में तमाम प्रकार के स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए वर्षों से ग्रीन-टी का सेवन किया जाता रहा है। कई रिपोर्टस में दावा किया जाता रहा है कि ग्रीन-टी में  ऐसे एंटीऑक्सिडेंट्स और यौगिक पाए जाते हैं जो तमाम प्रकार की बीमारियों से शरीर को सुरक्षित रख सकते हैं। इसी बारे में विस्तार से जानने के लिए अध्ययन कर रही शोधकर्ताओं की एक टीम ने बड़ा खुलासा किया है। भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) भोपाल के वैज्ञानिकों की एक टीम ने कोविड -19, उम्र बढ़ने और मधुमेह के बीच जैव-आणविक संबंधों की पहचान की है। वैज्ञानिकों का कहना है कि मधुमेह, मोटापे और उम्र बढ़ने के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मौजूदा दवाओं का इस्तेमाल संभावित रूप से कोविड -19 में भी फायदेमंद साबित हो सकता है।

जर्नल मॉलिक्यूलर एंड सेल्युलर बायोकैमिस्ट्री में प्रकाशित समीक्षा में वैज्ञानिकों ने बताया कि प्राकृतिक रूप से भी कई ऐसे यौगिक हैं जिनसे एक साथ कई गंभीर समस्याओं को लक्षित किया जा सकता है। वर्षों से प्रयोग में लाई जा रही ग्रीन-टी भी प्रकृति का ऐसा ही उपहार है। ग्रीन-टी में पाए जाने वाले यौगिक कोविड-19, डायबिटीज और बढ़ती उम्र की समस्या को ठीक करने में प्रभावी पाए गए हैं। आइए आगे की स्लाइडों में इस अध्ययन के बारे में और विस्तार से जानते हैं।

ग्रीन-टी में मौजूद यौगिक बेहद असरदार

अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि कोविड -19, मधुमेह और उम्र बढ़ने से संबंधित समस्याओं में कई प्रकार के पॉलीफेनोल्स की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। ग्रीन-टी में कैटेचिन नामक पॉलीफेनोल्स पाया जाता है जो ऐसी समस्याओं को लक्षित कर सकता है। इसी तरह से प्रोसायनिडिन (सेब, दालचीनी और अंगूर में पाए जाने वाले)  और थियाफ्लेविन (काली चाय में पाया जाता है) पॉलीफेनोल्स भी कारगर साबित हो सकते हैं। इस आधार पर शोधकर्ताओं का कहना है कि ग्रीन-टी का सेवन करना कई तरह से सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

आईआईएसईआर भोपाल में इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन सेंटर फॉर एंटरप्रेन्योरशिप के सीईओ और प्रमुख वैज्ञानिक डॉ अमजद हुसैन बताते हैं, पौधों पर आधारित भोजन में पाए जाने वाले पॉलीफेनोल जैसे करक्यूमिन (हल्दी में पाया जाता है) और रेस्वेराट्रोल (अंगूर में पाया जाता है) के कई तरह के लाभ के बारे में पता चला है। यह न केवल उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करते हैं साथ ही इसमें मौजूद एंटी-वायरल गुण शरीर को तमाम तरह की बीमारियों से सुरक्षा भी देते हैं। ग्रीन-टी पर किए गए अध्ययन में भी इसी तरह के बेहतर परिणाम देखने को मिले हैं। 

ग्रीन टी का सेवन हो सकता है लाभदायक

वैज्ञानिकों ने अध्ययनों की समीक्षा में पाया कि आणविक स्तर पर मधुमेह, उम्र बढ़ने और कोविड-19 में कुछ समानताएं हैं। यह तीनों स्थितियां ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से जुड़ी हैं, इसके अलावा यह  प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को धीमा कर देती हैं। ऐसी स्थिति में हृदय संबंधी विकार, नेत्र रोग, न्यूरोपैथी (तंत्रिका रोग) और नेफ्रोपैथी (गुर्दे की समस्याएं) जैसी कई अन्य बीमारियों की शुरुआत होती है। ग्रीन-टी में मौजूद यौगिक ऐसी समस्याओं को लक्षित करने में कारगर पाए गए हैं।

ग्रीन-टी के कोविड-19 में लाभ

कम्प्यूटेशनल अध्ययनों से पता चलता है कि कोशिका झिल्ली में मौजूद लिपिड, कोरोनावायरस संक्रामकता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अध्ययनकर्ताओं की टीम ने पाया कि पॉलीफेनोल्स जैसे प्राकृतिक यौगिक वायरस के बंधन को प्रभावित करने के साथ  वायरस प्रतिकृति को रोकने में सहायक हो सकते हैं। इससे संक्रमण को प्रारंभिक चरण में रोका जा सकता है। इसके अलावा पॉलीफेनोल्स मधुमहे और उम्र बढ़ने की गति को भी नियंत्रित करने में असरदार साबित हुए है। इस आधार पर वैज्ञानिकों का कहना है कि ग्रीन-टी का सेवन इन समस्याओं में फायदेमंद हो सकता है। 


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