सरकारी हाईस्कूल के अध्यापक ने बनाया पंजाबी बोलने व समझने वाला दुनिया का पहला रोबोट

जालंधर के सरकारी हाईस्कूल के कंप्यूटर अध्यापक हरजीत सिंह (Harjeet Singh) ने पंजाबी बोलने व समझने वाला दुनिया का पहला रोबोट बनाया है

Update: 2021-02-28 14:05 GMT

जालंधर के सरकारी हाईस्कूल के कंप्यूटर अध्यापक हरजीत सिंह (Harjeet Singh) ने पंजाबी बोलने व समझने वाला दुनिया का पहला रोबोट बनाया है. जिसका नाम 'सरबंस कौर' रखा गया है. इस रोबोट को बनाने में करीब 50 हजार रूपये खर्च हुए. जालंधर के गांव रोहजड़ी (Rohjari, Jalandhar) स्थित सरकारी हाईस्कूल के अध्यापक ने इसे 7 महीने में तैयार किया है. यह रोबोट उसका नाम सरबंस कौर लेने पर एक्टिव होता है और फिर पंजाबी में सवाल पूछने पर जवाब भी इसी भाषा में देता है. शुरुआत में सत श्री अकाल से लेकर अब रोबोट गुरबाणी भी सुनाता है.

पहले भाषा और अब बना दिया रोबोट
हरजीत सिंह ने बताया कि अध्यापक होने के नाते वह चाहते थे कि बच्चों को कंप्यूटर प्रोग्रामिंग आसानी से समझ आ जाए. इसके लिए उन्होंने कनाडा (Canada) में हुई इसी तरह की कोशिश का उदाहरण लेते हुए पंजाबी में सरबंस नाम की प्रोग्रामिंग लैंग्वेज तैयार की थी. इसी दौरान कोविड की वजह से लॉकडाउन हो गया. कामयाबी मिलती है तो इच्छा बढ़ती जाती है, इसी वजह से उन्होंने रोबोट बनाने के बारे में सोचा. शुरुआत में लॉकडाउन व बाद में रात के वक्त काम कर इसे तैयार किया.
पत्नी जसप्रीत ने दी रोबोट को आवाज
कंप्यूटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज तैयार करने के लिए उन्होंने अंग्रेजी के शब्दों को पंजाबी में अनुवाद किया. इसी लैंग्वेज के आधार पर उन्होंने रोबोट तैयार किया तो फिर यह सवाल आया कि रोबोट को आवाज कौन देगा. चूंकि रोबोट का स्वरूप एक महिला का था, इसलिए उनकी पत्नी जसप्रीत कौर ने यह जिम्मेदारी ली. पहले उन्होंने पत्नी जसप्रीत की आवाज रिकॉर्ड की. फिर उसमें थोड़ा सुधार करने के बाद रोबोट में फीड कर दिया.
ऐसे काम करता है रोबोट
हरजीत सिंह के मुताबिक सरबंस कौर रोबोट में हम जो भी फीड करना चाहें, कर सकते हैं. एक बार उसमें यह बातें फीड करने के बाद जब भी उससे पूछा जाता है तो वह अपने डेटाबेस से उसका सही उत्तर ढूंढता है और फिर सामने वाले को जवाब देता है.
ऐसे तैयार किया रोबोट
हरजीत सिंह ने बताया कि रोबोट तैयार करने में बच्चों के खिलौने, कॉपी के कवर, गत्ता, पेन, प्लग व बिजली की तारों का इस्तेमाल किया गया है.
कहां आएगा काम

गाइड - किसी धार्मिक या अन्य महत्वपूर्ण जगह का इतिहास फीड कर सकते हैं, इसके बाद रोबोट लोगों को वहां के इतिहास के बारे में बता सकता है.
अध्यापक - रोबोट में किसी भी तरह का ज्ञान फीड कर वह बच्चों को पढ़ाने का काम कर सकता है. बच्चों के सवालों का जवाब दे सकता है.
ओल्ड एज होम्स- अकेलेपन में रहने वाले बुजुर्गों से बातचीत के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके डेटाबेस में कई तरह की बातें फीड की जा सकती हैं, ताकि बुजुर्ग कुछ पूछें तो रोबोट उसका जवाब दे सकता है.
सरबंस कौर ही नाम क्यों
हरजीत सिंह ने कहा कि सिख गुरु गोबिंद सिंह जी का एक नाम सरबंसदानी भी है. वहीं से वो प्रभावित हुए और इस रोबोट का नाम सरबंस रखा. फीमेल होने की वजह से सरबंस कौर रखा गया है. उन्होंने कहा कि पंजाब के नामी शायर सुरजीत पातर की कविता 'मर रही मेरी भाषा' से प्रभावित होकर उन्होंने इसे पंजाबी में बनाया. अब वह चाहते हैं कि सबसे पहले अमृतसर स्थित श्री दरबार साहिब में इस रोबोट का माथा टिकवाएं.


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