चीन का Chang'e-5 चांद से सैंपल लेकर लौटा, इतने साल बाद बसेरा बनाने की तैयारी
चीन का नैशनल स्पेस ऐडमिनिस्ट्रेशन (CNSA) इस बात पर खोज करना चाहता है कि वह चांद पर स्थायी बेस बना सकता है या नहीं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| पेइचिंग चीन का नैशनल स्पेस ऐडमिनिस्ट्रेशन (CNSA) इस बात पर खोज करना चाहता है कि वह चांद पर स्थायी बेस बना सकता है या नहीं। चीन की स्पेस एजेंसी का Chang'e-5 स्पेसक्राफ्ट हाल ही में चांद से सैंपल लेकर लौटा है और भविष्य में Chang'e-8 मिशन के जरिए चांद पर बेस बनाने को लेकर खोज की जाएगी। ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नए मिशन पर बेस बनाने के लिए 3D प्रिंटिंग की क्षमता को टेस्ट किया जाएगा।
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक पेइचिंग को उम्मीद है कि साल 2030 तक ऐस्ट्रोनॉट्स को चांद पर भेजा जाएगा और चांद के दक्षिण ध्रुव पर स्थायी रिसर्च बेस बनाया जाएगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन दूसरी एजेंसियों के साथ मिलकर इस प्रॉजेक्ट पर काम करना चाहता है और उसने अगला मिशन पांच साल बाद भेजने का प्लान बनाया है।
क्यों खास रहा यह मिशन?
आपको बता दें कि Chang'e-5 44 साल में पहली बार चांद से सैंपल लाया है। इसके साथ ही चीन ऐसा करने वाला तीसरा देश बन गया है। चीन का यह कारनामा इसलिए भी खास है क्योंकि चीन ने तीन बार चांद पर लैंड करने की कोशिश की है और तीनों बार वह सफल रहा है जबकि दूसरे देशों को कई असफलताओं का सामना करना पड़ा है।
कई देशओं के साथ मिलकर पूरा मिशन
अगले साल चीन स्पेस स्टेशन भी लॉन्च करना चाहता है। इससे पहले CNSA के वाइस ऐडमिनिस्ट्रेटर वू यानहुआ ने कहा था कि चीन अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों को चांद से जुड़े प्रॉजेक्ट्स पर साथ मिलकर काम करने के लिए आमंत्रित करना चाहता है। चीन का हालिया मिशन यूरोपियन स्पेस एजेंसी, नामीबिया, पाकिस्तान, अर्जेंटीना समेत कई देशों की मदद से पूरा हुआ है।