चांद से लाई गई मिट्टी से ऑक्‍सीजन और ईधन बनाने की तैयारी में है चीन

चीन (China) अब चांद से लाई गई मिट्टी (Lunar Soil) से ऑक्‍सीजन और ईधन बनाने की तैयारी में जुटेगा

Update: 2022-05-14 13:01 GMT

चीन (China) अब चांद से लाई गई मिट्टी (Lunar Soil) से ऑक्‍सीजन और ईधन बनाने की तैयारी में जुटेगा. चीनी वैज्ञानिकों ने अपनी हालिया रिसर्च में इसके संकेत दिए हैं. दरअसल, चीन के चांग'ई-5 अंतरिक्ष यान ने अपने मिशन के दौरान चांद की सतह से मिट्टी और दूसरे पदार्थ के नमूने इकट्ठा किए थे. वैज्ञानिकों ने इसकी जांच की है. उनका कहना है, चांद की मिट्टी से ऑक्‍सीजन (Oxygen) और ईधन (Fuel) बनाए जा सकते हैं. जानिए, ऐसा कैसे किया जा सकेगा…

चीन की नानजिंग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता यिंगफैंग याओ का कहना है, चंद्रमा की मिट्टी और सोलर रेडिएशन का कई तरह से फायदा उठाया जा सकता है. रिसर्च के दौरान यह साबित हुआ है कि चांद से लाई गई मिट्टी में आयरन और टाइटेनियम काफी मात्रा में है. इन उत्‍प्रेरक की मौजूदगी में सूरज की रोशनी और कार्बन-डाई-ऑक्‍साइड की मदद से ऑक्‍सीजन तैयार की जा सकती है.
जूल जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, 40 सालों में पहली बार किसी लूनर मिशन में मिट्टी लाई गई थी. अंतरराष्‍ट्रीय वैज्ञानिकों की एक टीम ने इस मिट्टी की उम्र का पता लगाया है. उनका कहना है, चांद की यह मिट्टी 197 करोड़ साल पुरानी है और इसी पर प्रयोग किया गया है. इस मिट्टी की जांच में जो परिणाम सामने आए हैं उससे यहां पर जीवन होने की संभावना को बल मिलता है.
चीन के वैज्ञानिक लम्‍बे समय से चांद पर बस्‍ती बसाने की कोशिश में जुटे हैं. इन्‍हीं संभावनाओं को तलाशने के लिए चीनी वैज्ञानिकों ने अपना चांग'ई-5 अंतरिक्ष विमान को चांद पर भेजा था. वैज्ञानिकों का कहना है, चांद पर काफी मूल्‍यवान संसाधन मौजूद हैं. इस मिट्टी पर होने वाली रिसर्च से कई और बड़ी जानकारियां सामने आ सकती हैं.
चीन के वैज्ञानिक लम्‍बे समय से चांद पर बस्‍ती बसाने की कोशिश में जुटे हैं. इन्‍हीं संभावनाओं को तलाशने के लिए चीनी वैज्ञानिकों ने अपना चांग'ई-5 अंतरिक्ष विमान को चांद पर भेजा था. वैज्ञानिकों का कहना है, चांद पर काफी मूल्‍यवान संसाधन मौजूद हैं. इस मिट्टी पर होने वाली रिसर्च से कई और बड़ी जानकारियां सामने आ सकती हैं.
साइंसटेक की रिपोर्ट के मुताबिक, चांद की मिट्टी से हाइड्रोकार्बन का उत्‍पादन किया जा सकता है, जिससे मेथेन तैयार की जा सकती है. भविष्‍य में इसका इस्‍तेमाल ईधन के तौर पर किया जा सकता है. इसके लिए कोई अतिरिक्‍त ऊर्जा की जरूरत नहीं पड़ती. सिर्फ सूर्य की किरणों से मिलने वाली एनर्जी से ऐसा संभव है.

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