दुनिया को कर रहे हैं 3 स्ट्रेन परेशान, ब्रिटेन से फैला नया स्ट्रेन 35 % ज्यादा खतरनाक

कोरोना वायरस का ब्रिटेन में मिला नया स्ट्रेन न केवल ज्यादा संक्रामक है बल्कि यह जानलेवा भी है।

Update: 2021-02-07 03:00 GMT

कोरोना वायरस का ब्रिटेन में मिला नया स्ट्रेन न केवल ज्यादा संक्रामक है बल्कि यह जानलेवा भी है। अभी तक माना जा रहा था कि कोरोना वायरस का यह नया रूप लोगों के बीच तेजी से फैलता तो है, लेकिन इससे ज्यादा लोगों की मौतें नहीं हो रही हैं। लेकिन पहली बार अध्ययन में खुलासा हुआ है कि यह 35 फीसदी तक ज्यादा जानलेवा है।


ब्रिटिश में कोरोना के नए स्ट्रेन से हाहाकार के बीच शोधकर्ताओं का कहना है कि संक्रमण के मामले लगातार बढ़ना चिंताजनक है। बी.1.1.7 नाम से जाना जाने वाला ज्यादा उम्र के लोगों को शिकार बना रहा है। अध्ययन के मुताबिक, 70 से 84 साल के बुजुर्गों की मौत के मामले छह फीसदी तक बढ़ गए हैं। वहीं, 85 से ज्यादा उम्र के लोगों में इस स्ट्रेन के कारण मौत की दर 17 से 22 फीसदी बढ़ गई है।

हाल में लंदन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने आशंका जताई थी कि यह स्ट्रेन पुराने वायरस तुलना में अधिक खतरनाक हो सकता है, इसके अलावा यह 70 फीसदी तक अधिक संक्रामक हो सकता है। ब्रिटेन के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार सर पैट्रिक वॉलेंस ने पिछले महीने लंदन में हुई एक प्रेस वार्ता में कहा था कि यह अधिक घातक प्रतीत हुआ है। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी माना था कि ऐसे कुछ सबूत मिले हैं, जो कोरोना वायरस के इस नए स्ट्रेन के ज्यादा जानलेवा होने की पुष्टि करते हैं। अब वैज्ञानिकों के अध्ययन में यह बात साबित हो गई है।

तीन स्ट्रेन कर रहे दुनिया को परेशान :
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, ब्रिटेन में पाया गया कोरोना का स्ट्रेन अब तक 82 देशों में फैल चुका है, जबकि दक्षिण अफ्रीकी स्ट्रेन लगभग 40 देशों में फैला है। इसके अलावा कोविड-19 का ब्राजील में मिला स्ट्रेन भी नौ देशों में पैर पसार चुका है।

अमेरिका में इन तीनों ही स्ट्रेन से संक्रमण के मामले सामने आए हैं। उसने पुष्टि की है कि उसके यहां ब्रिटेन वाले स्ट्रेन के 467 मामले, दक्षिण अफ्रीका वाले स्ट्रेन के तीन मामले और ब्राजील वाले स्ट्रेन का एक मामला देखने को मिला है।

भारत में 200 के करीब मामले :
भारत में अब तक ब्रिटेन से लौटे दो सौ से ज्यादा लोगों में कोरोना वायरस का यह घातक रूप मिल चुका है। देश में दिसंबर महीने में सबसे पहले इसका मामला सामने आया था। इसके बाद सरकार ने ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों पर जनवरी के पहले हफ्ते तक प्रतिबंध लगाया दिया था। इसे फिलहाल 14 फरवरी तक बढ़ा दिया गया है।


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