धर्म अध्यात्म: सनातन धर्म के ज्योतिष शास्त्र में सावन के महीने का महत्व बताया है, क्योंकि इस महीने में देवों के देव महादेव की पूजा का विशेष महत्व होता है. इस महीने में आने वाले सोमवार के दिन श्रद्धालु व्रत रखकर विधि-विधान से शिवलिंग पर जलाभिषेक कर भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं. वही सावन के महीने के अंतिम सोमवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ने से सोमवार की पूजा का महत्व और अधिक बढ़ गया है.
सावन के महीने का अंतिम सोमवार 28 अगस्त 2023 को पड़ रहा है. इस दिन सावन का आखरी प्रदोष व्रत भी पड़ने से सोमवार के व्रत का महत्व और अधिक बढ़ जाता है. प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करने से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को मन चाहे फल प्रदान करते हैं.
प्रदोष व्रत के कारण बढ़ गया गया महत्व
उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले के वरिष्ठ आचार्य पंडित अरुणेश मिश्रा ने बताया कि इस साल सावन के महीने का अंतिम सोमवार 28 अगस्त 2023 को पड़ रहा है. इस दिन प्रदोष व्रत भी पड़ रहा है जिससे अंतिम सोमवार का महत्व और अधिक बढ़ गया है. सावन के अंतिम सोमवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करने के बाद सुबह 7:30 बजे तक शिवलिंग पर जलाभिषेक, रुद्राभिषेक करें.और फिर सुबह 09:00 बजें से 12:00 बजें जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करें. इसके बाद सूर्यास्त के समय प्रदोष काल में भगवान शिव विधि-विधान से पूजा पाठ करने और शिवलिंग पर जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करने से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होंगे.
पूजा के समय करें इस मंत्र का जाप
यस्यांके च विभाति भूधरसुता देवापगा मस्तकेभाले बालविधुर्गले च गरलं यस्योरसि व्यालराट्।
सोऽयं भूतिविभूषणः सुरवरः सर्वाधिपः सर्वदाशर्वः सर्वगतः शिवः शशिनिभः श्री शंकरः पातु माम्॥
भगवान भोलेनाथ की विशेष कृपा का मिलेगा वरदान
आचार्य पंडित अरुणेश मिश्रा ने कहा कि अंतिम सोमवार के शुभ मुहूर्त के दौरान विधि विधान से जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करने के साथ-साथ शिव चालीसा का पाठ करने वाले भक्तों पर भगवान भोलेनाथ विशेष कृपा बनाए रखते हैं और उनको सुख समृद्धि प्रदान करते हैं. वही जो कुंवारी कन्याएं सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए इस व्रत को करती है उनको सुयोग्य वर प्राप्त होता है और महिलाओं को सदा सुहागन रहने का आशीर्वाद प्राप्त होता है.