Worship of Tulsi: हिंदू धर्म शास्त्रों में ऐसा बताया गया है कि जिस घर में तुलसी का पौधा सही दिशा में होता है. उस घर में सदैव सुख समृद्धि वास करती है और बीमारियां कोसों दूर रहती है. तुलसी के पौधे को देवी लक्ष्मी का रूप माना जाता है. हिन्दू धर्म में कोई भी धार्मिक अनुष्ठान बिना तुलसी के पूरा नहीं होता. ऐसा भी कहा जाता है, जिस भी घर में सुहागन महिलाएं प्रातः तुलसी में जल अर्पित करती है एवं संध्या के समय तुलसी के नीचे गाय के घी का दीपक प्रज्जवलित करती है. उनके घर में की कृपा सदैव ही बनी रहती है. तुलसी जी को भगवान श्री विष्णु ने सदा सुहागन रहने का वरदान दिया था. सौभाग्य प्राप्ति के लिए घर की महिलाओं को स्नान के पश्चात बालों को बांधकर मांग में सिंदूर भरकर और सर को ढक कर ही तुलसी में जल अर्पित करना चाहिए. देवी लक्ष्मी
तुलसी पूजा किसे नहीं करनी चाहिए
चरित्र हीन और मन में गंदे विचार रखने वाली महिलाओं को भूल कर भी तुलसी की पूजा छोड़ तुलसी को कभी हाथ भी नहीं लगाना चाहिए. ऐसी महिलाओं की पूजा माता लक्ष्मी कभी स्वीकार नहीं करती.
अगर आपने हिन्दू रीति-रिवाजों के अनुसार सात फेरे नहीं लिए तो आप तुलसी के पास गलती से भी न जाए. बगैर सात फेरे लिए कोई भी महिला तुलसी पूजा नहीं कर सकती
लोक मान्यताओं के अनुसार मासिक धर्म के दौरान औरतें अपवित्र होती है और इसीलिए मासिक धर्म के दौरान तुलसी पूजा नहीं करनी चाहिए. ऐसा कहा जाता है कि इससे मां तुलसी भी अपवित्र होती है.
तुलसी की पवित्रता का खास ख्याल रखें
जो स्त्री नियमानुसार प्रतिदिन तुलसी की पूजा करती है, उसका सौभाग्य सदैव अखंड रहता है. प्रत्येक गुरुवार को शुद्ध जल में गंगा जल और कुछ बूँदें गाय के कच्चे दूध की मिलाकर तुलसी की जड़ को सींचने से घर में आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है. साथ ही घर में धन, संपदा, सुख, समृद्धि और वैभव की प्राप्ति भी होती.