क्यों विवाह पंचमी के दिन शादी करने से डरते हैं लोग? जानिए ये है वजह

मीर्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी मनाई जाती है. आज 10 दिसंबर 2020 को विवाह पंचमी का पर्व मनाया जा रहा है

Update: 2020-12-19 04:27 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| मीर्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी मनाई जाती है. आज 10 दिसंबर 2020 को विवाह पंचमी का पर्व मनाया जा रहा है. मान्यताओं की माने तो विवाह पंचमी के दिन भगवान श्री राम और माता सीता का विवाह हुआ था. इसलिए इस दिन को राम और सीता के विवाह की वर्षगाँठ के रूप में मनाया जाता है. इस दिन बहुत से लोग उपवास भी रखते हैं. भगवान विष्णु के विवाह को अबूझ मूहूर्त कहा मजाता है. इस दिन पंचांग देखे बिना हरी शादी की जा सकती हैं लेकिन विवाह पंचमी (Vivah Panchami ) के दिन ऐसा नहीं किया जाता. कई जगहों पर इस दिन शादी नहीं की जाती है. आइए जानते हैं क्या है इसके पीछे की वजह

इस दिन विवाह करने से क्यों डरते हैं लोग
नेपाल और मिथिलांचल में इस दिन विवाह करने से लोग डरते हैं. इसके पीछे की वडजह यह है कि भगवान राम से विवाह करने पर माता सीता को अपने जीवन काल में कई कष्टों का सामना करना पड़ा था. इसी कारण लोग विवाह पंचमी के दिन शादी करने से डरते हैं. भगवान राम के साथ सीता का विवाह होने के बाद उन्हें वनवास काटना पड़ा था. इतना ही नहीं गर्भवती सीता को भगवान राम ने त्याग दिया और उनके कभी साथ नहीं रहीं. Also Read - राम-सीता स्वयंवर में शामिल होंगे यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, पहुंचे जनकपुर
विवाह पंचमी (Vivah Panchami 2020 Muhurat)मुहूर्त
विवाह पञ्चमी शनिवार, दिसम्बर 19, 2020 को
पञ्चमी तिथि प्रारम्भ – दिसम्बर 18,2020 को 14:22 बजे
पञ्चमी तिथि समाप्त – दिसम्बर 19, 2020 को 14:14 बजे


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