नई दिल्ली : देवों के देव महादेव को त्रयोदशी तिथि समर्पित है। हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्रभु की पूजा करने से साधक को आरोग्य जीवन प्राप्त होता है। साथ ही शुभ फल की प्राप्ति होती है। अब मई का महीना शुरू होने वाला है। ऐसे में आइए जानते हैं कि मई में पड़ने वाले दोनों प्रदोष व्रत की डेट और शुभ मुहूर्त के बारे में।
मई माह का पहला प्रदोष व्रत
पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि शुरुआत 05 मई को शाम 05 बजकर 41 मिनट पर होगी और इसका समापन अगले दिन यानी 06 मई को दोपहर 02 बजकर 40 मिनट पर होगा। ऐसे में प्रदोष व्रत 05 मई को रखा जाएगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने का समय शाम 06 बजकर 59 मिनट से लेकर 09 बजकर 06 मिनट तक है।
मई माह का दूसरा प्रदोष व्रत
प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना संध्याकाल में करने का विधान है। पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 20 मई को दोपहर 03 बजकर 58 मिनट से होगा और इसके अगले दिन यानी 21 मई को शाम 05 बजकर 39 मिनट पर तिथि का समापन होगा। ऐसे में 20 मई को प्रदोष व्रत किया जाएगा। इस दिन पूजा करने का शुभ समय शाम को 07 बजकर 08 मिनट से लेकर 09 बजकर 12 मिनट तक है।
प्रदोष व्रत का महत्व
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बेहद खास महत्व है। मान्यता है कि इस दिन व्रत और भगवान शिव की पूजा करने से साधक को सुख और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही महादेव प्रसन्न होते हैं।