कब है छठ पूजा, जाने खरना की सही तरीका
पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड समेत देश के कई हिस्सों में छठ पूजा का विशेष महत्व है। छठ पूजा का त्योहार दिवाली के छह दिन बाद मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, छठ पूजा संतान प्राप्ति और उसके खुशहाल जीवन की कामना के लिए कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि होती है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड समेत देश के कई हिस्सों में छठ पूजा का विशेष महत्व है। छठ पूजा का त्योहार दिवाली के छह दिन बाद मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, छठ पूजा संतान प्राप्ति और उसके खुशहाल जीवन की कामना के लिए कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि होती है। यह व्रत तीन दिनों तक चलता है। छठ पूजा में सूर्य देव की भी पूजा की जाती है, इसलिए इसे सूर्य षष्ठी भी कहा जाता है। जानें इस साल छठ पूजा कब की डेट-
छठ पर्व 2022 तिथियां-
28 अक्टूबर 2022 नहाए खाय के साथ छठ पूजा की शुरुआत होगी। 29 अक्टूबर को खरना मनाया जाएगा। 30 अक्टूबर को महिलाएं अस्ताचलगामी यानी डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगी। 31 अक्टूबर को उदयगामी यानी उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर छठ पूजा का समापन होगा।
छठ पूजा का पहला दिन-
छठ पूजा के पहले दिन को नहाय खाए कहा जाता है। छठ पूजा के पहले दिन स्नान करने के बाद पूजा की जाती है और फिर चना दाल, कद्दू की सब्जी और चावल का प्रसाद ग्रहण किया जाता है।
छठ पूजा का दूसरा दिन-
छठ पूजा के दूसरे दिन को खरना कहा जाता है। इस पावन दिन महिलाएं लकड़ी के चूल्हे पर गुड़ की खीर बनाती हैं और उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करती हैं। इसके बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है। ऐसा माना जाता है कि खरना पूजा के बाद घर में छठी मइया का आगमन हो जाता है।
छठ पूजा का तीसरा दिन-
छठ पूजा के तीसरे दिन व्रती महिलाएं निर्जला उपवास रखती हैं। इस दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।
छठ पूजा का चौथा दिन-
छठ पूजा के चौथे दिन उदयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। सूर्य को अर्घ्य देने के बाद सात या ग्यारह बार परिक्रमा की जाती है। इसके बाद व्रत तोड़ा जाता है।
छठ पूजा के लिए इन चीजों की पड़ती है जरूरत:
प्रसाद रखने के लिए बांस की दो तीन बड़ी टोकरी, बांस या पीतल के बने तीन सूप, लोटा, थाली, दूध और जल के लिए ग्लास, नए वस्त्र साड़ी-कुर्ता पजामा, चावल, लाल सिंदूर, धूप और बड़ा दीपक, पानी वाला नारियल, गन्ना जिसमें पत्ता लगा हो, सुथनी और शकरकंदी, हल्दी और अदरक का पौधा हरा हो तो अच्छा, नाशपाती और बड़ा वाला मीठा नींबू, जिसे टाब भी कहते हैं, शहद की डिब्बी, पान और साबुत सुपारी, कैराव, कपूर, कुमकुम, चन्दन, मिठाई।