Vastu Tips: वास्तु शास्त्र में घर की सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने और negative energy को कम करने के लिए कई उपाय बताए गए हैं और इन्हीं उपायों में से एक है जूते-चप्पलों को सही जगह पर रखना। वास्तु विशेषज्ञों का कहना है कि इन उपायों को करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है और नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह कम हो जाता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार जूते-चप्पलों को सही स्थान पर रखने का एक विशेष तरीका होता है और इसके लिए एक निश्चित स्थान और दिशा महत्वपूर्ण होती है। अगर इन नियमों का पालन नहीं किया गया तो घर में आर्थिक परेशानियां और परिवार के सदस्यों के बीच कलह बढ़ सकती है।इसके अलावा व्यक्ति के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है। आइए जूते-चप्पलों के सही रखरखाव के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियमों के बारे में जानें।
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में जूते-चप्पल रखने के लिए कुछ विशेष स्थान बताए गए हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए:
तुलसी के पौधे के पास न रखें
तुलसी के पौधे के आसपास कभी भी जूते-चप्पल नहीं रखना चाहिए और ना ही उन्हें पैरों से खोलना चाहिए। इसका उल्लंघन करने से घर में दरिद्रता और कई परेशानियां आ सकती हैं।
शयन कक्ष में न रखें जूते-चप्पल
शयनकक्ष में कभी भी जूते-चप्पल नहीं रखने चाहिए क्योंकि वास्तु शास्त्र के अनुसार यह अशुभ माना जाता है और इससे परिवार के सदस्यों के बीच संबंधों में कलह बढ़ सकती है।
बाहर के दरवाजे पर न रखें चप्पल
घर के मुख्य द्वार पर कभी भी जूते-चप्पल नहीं रखने चाहिए, क्योंकि इससे धन की देवी मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं और घर से धन कम हो सकता है।
रसोई में न रखे जूते-चप्पल
रसोई में जूते-चप्पल रखने का मतलब है अन्न और अग्नि देवता का अपमान करना, इसलिए इन्हें कभी भी रसोई में नहीं रखना चाहिए। अगर आप रसोई के अंदर या उसके आसपास जूते-चप्पल रखेंगे तो माता Annapurna आपसे नराज हो सकती है। आपको घर में देवी लक्ष्मी का वास नहीं होगा।