धर्म-अध्यात्म

शुक्रवार की शाम पूजा के दौरान करें ये काम, मां लक्ष्मी होंगी प्रसन्न

Tara Tandi
17 May 2024 2:06 PM GMT
शुक्रवार की शाम पूजा के दौरान करें ये काम, मां लक्ष्मी होंगी  प्रसन्न
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ज्योतिष न्यूज़: हिंदू धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता की साधना आराधना को समर्पित होता है वही शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी की पूजा के लिए उत्तम माना गया है इस दिन भक्त देवी मां को प्रसन्न करने के लिए सुबह शाम माता की विधिवत पूजा करते हैं और दिनभर उपवास भी रखते हैं माना जाता है कि धन की देवी जिस पर प्रसन्न हो जाती है
उसके जीवन से धन संकट सदा के लिए दूर हो जाते हैं और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है साथ ही आर्थिक स्थिति में भी सुधार देखने को मिलता है ऐसे में अगर आप भी माता लक्ष्मी की कृपा पाना चाहते हैं और आर्थिक पक्ष को मजबूत करना चाहते हैं तो ऐसे में शुक्रवार की संध्याकाल माता लक्ष्मी के मंदिर जाकर उनकी विधिवत पूजा करें और देवी की आरती व मंत्रों का जाप जरूर करें। ऐसा करने से लाभ मिलता है।
मां लक्ष्मी के चमत्कारी मंत्र—
1.ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम
2.ॐ ह्रीं ह्रीं श्री लक्ष्मी वासुदेवाय नम:
3.पद्मानने पद्म पद्माक्ष्मी पद्म संभवे तन्मे भजसि पद्माक्षि येन सौख्यं लभाम्यहम्
4.ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:
5.ऊँ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:।।
महालक्ष्मी की आरती—
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता ।।
ॐ जय लक्ष्मी माता ।।
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता ।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ।।
ॐ जय लक्ष्मी माता ।।
दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ।।
ॐ जय लक्ष्मी माता ।।
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता ।।
ॐ जय लक्ष्मी माता ।।
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता ।
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता ।।
ॐ जय लक्ष्मी माता ।।
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता ।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता ।।
ॐ जय लक्ष्मी माता ।।
शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता ।।
ॐ जय लक्ष्मी माता ।।
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता ।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता ।।
ॐ जय लक्ष्मी माता ।।

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