Tulsi Pujan Diwas 2022 : मां तुलसी जिन्हें मां लक्ष्मी की स्वरूप मानी जाती हैं. हिंदू धर्म में पेड़-पौधों को देव-देवताओं का रुप मानकर पूजा किया जाता है. कहते हैं तुलसी ही एक ऐसा पौधा है, जिनके बिना भगवान कृष्ण और विष्णु की पूजा अधूरी मानी जाती है. मां तुलसी की पूजा विशेष रुप से की जाती है, इसकी पूजा करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है. इसके अलावा जीवन की सारी परेशानियां दूर हो जाती है. तो आइए आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि संध्या के समय तुलसी पूजन किसी विधि से करें और मां तुलसी की कौन सी आरती करें.
मां तुलसी की करें इस विधि से पूजा
1.तुलसी पूजन के दिन संध्या का समय मां तुलसी को फूल माला चढ़ाएं और शुद्ध घी का दीपक जलाएं और हाथ जोड़कर प्रार्थना करें.
2.मां तुलसी को रोली, गुलाल चढ़ाएं और 7 बार परिक्रमा करें.
3.मां तुलसी को पीले मिठाई का भोग लगाएं, क्योंकि ये भगवान विष्णु का सबसे प्रिय मिठाई होता है, इससे भगवान विष्णु बेहद प्रसन्न होते हैं.
4.इस मंत्र का 11 बार जाप करें-
वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।
पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।
एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम।
यः पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।
मां तुलसी की करें ये आरती
जय जय तुलसी माता, मैया जय तुलसी माता ।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥
सब योगों से ऊपर, सब रोगों से ऊपर ।
रज से रक्ष करके, सबकी भव त्राता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥
बटु पुत्री है श्यामा, सूर बल्ली है ग्राम्या ।
विष्णुप्रिय जो नर तुमको सेवे, सो नर तर जाता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥
हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वंदित ।
पतित जनों की तारिणी, तुम हो विख्याता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥
लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में ।
मानव लोक तुम्हीं से, सुख-संपति पाता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥
हरि को तुम अति प्यारी, श्याम वर्ण सुकुमारी ।
प्रेम अजब है उनका, तुमसे कैसा नाता ॥
हमारी विपद हरो तुम, कृपा करो माता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥