Somvati Amavasya ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में अमावस्या और पूर्णिमा को बहुत ही खास माना गया है जो कि हर माह में एक बार पड़ती है। अमावस्या तिथि पूर्वजों को समर्पित होती है इस दौरान पूजा पाठ स्नान दान आदि करना उत्तम माना जाता है मान्यता है कि ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है इस साल सोमवती अमावस्या 30 दिसंबर को मनाई जाएगी। ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि इस दौरान कौन सी गलतियां भूलकर भी नहीं करनी चाहिए वरना पितर नाराज़ हो सकते हैं तो आइए जानते हैं।
सोमवती अमावस्या पर न करें ये गलतियां—
सोमवती अमावस्या का दिन पितरों को समर्पित होता है ऐसे में इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए पूजा पाठ, पिंडदान किया जाता है लेकिन भूलकर भी इस दिन पितरों को कुछ भी बुरा भला नहीं कहना चाहिए और उनका तर्पण करना नहीं भूलना चाहिए वरना पूर्वज क्रोधित हो सकते हैं जिससे आपको जीवन में कष्ठ उठना पड़ सकता है।
अमावस्या तिथि पर कुत्ता, गाय और कौवे को कष्ट नहीं देना चाहिए। इस दिन जीवों को पितरों का अंश मानकर भोजन जरूर कराएं। इन्हें किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। इसके अलावा अमावस्या पर पितरों का पितंडदान, तर्पण और दान पुण्य व श्राद्ध जरूर करें। इन कामों को करना भूले नहीं वरना पितर नाराज़ होकर श्राप भी दे सकते हैं।
सोमवती अमावस्या के दिन पूजा पाठ करना उत्तम माना जाता है इससे शुभ फलों में वृद्धि होती है ऐसे में दिनभर ब्रह्मचर्य का पालन जरूर करें। अमावस्या पर तामसिक चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए वरना पाप लगता है। इस दिन साफ सफाई का भी विशेष ध्यान रखें।