आज है फाल्गुन मास का बुध प्रदोष व्रत, जानिए इसकी शुभ मुहूर्त एवं महत्व

फाल्गुन माह का पहला प्रदोष व्रत आज है। यह व्रत महा शिवरात्रि से ठीक एक दिन पहले पड़ा है।

Update: 2021-03-10 03:26 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेसक | फाल्गुन माह का पहला प्रदोष व्रत आज है। यह व्रत महा शिवरात्रि से ठीक एक दिन पहले पड़ा है। प्रदोष व्रत और महाशिवरात्रि एक के बाद एक पड़ने की वजह से शिव भक्तों को लिए यह दो दिन बेहद ही खास रहेंगे। इस दिन जो व्यक्ति भगवान शिव की पूजा करते हैं उन्हें शिव जी का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त होता है। जो प्रदोष व्रत बुधवार को पड़ता है उसे बुध प्रदोश, व्रत कहा जाता है। चंद्र मास की दोनों त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत किया जाता है। इसमें से एक शुक्ल पक्ष तो दूसरा कृष्ण पक्ष में आता है। आज के दिन शिव भक्त मंदिरों में जाकर शिवजी की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। साथ ही पूरे दिन का उपवास भी करते हैं। तो आइए जानते हैं प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त और महत्व:

प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त:
फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि
चतुर्दशी तिथि प्रारंभ- 10 मार्च, बुधवार, दोपहर 2 बजकर 40 मिनट से
चतुर्दशी तिथि समाप्त- 11 मार्च, गुरुवार, दोपहर 2 बजकर 39 मिनट पर
प्रदोष व्रत महत्व:
पौराणिक मान्यता के अनुसार, चंद्रदेव ने सबसे पहला प्रदोष व्रत किया था। चंद्रदेव ने पूरी श्रद्धा और सच्चे मन के साथ यह व्रत किया था। इस व्रत का पुण्य प्रभाव ऐसा हुआ था कि चंद्रमा को क्षय रोग से मुक्ति प्राप्त हुई थी। ऐसा कहा जाता है कि प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति को उसके सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि भी आती है। यह दिन भगवान शिव की कृपा पाने के लिए बेहद ही शुभ माना जाता है।
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