हिन्दू धर्म में तिलक का बड़ा महत्व बताया गया हैं। जब भी कभी कोई पूजा हो या कोई भी मांगलिक कार्य हो उसकी शुरुआत तिलक के साथ ही की जाती हैं। इसी के साथ ही मंदिर में या लोग सुबह घर से निकलने के दौरान भी तिलक लगाकर निकलते हैं। शास्त्रों के मुताबिक़ तिलक आपके जीवन में उत्पन्न हुए ग्रहदोष को शांत करता हैं और तिलक का अपना विशेष महत्व माना जाता है। तो आइये जानते हैं आपके लिए कौनसा तिलक लगाना उचित साबित होगा।
सिंदूर का तिलक
माथे पर सिंदूर का तिलक लगाने से देवी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। आप चाहें तो शुक्रवार के दिन लाल सिंदूर का तिलक मां लक्ष्मी को चढ़ाने के साथ ही अपने माथे पर लगाएं। इससे आपका तनाव कम होने के साथ ही आपको मां लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होगी। इसके अलावा आपके घर में सुख समृद्धि आती है और भौति क सुख-सुविधाओं में इजाफा होता है।
श्रीखंड चंदन का तिलक
शमी की लकड़ी से श्रीखंड चंदन का तिलक लगाने से शनि के दोष दूर होते हैं। शमी की लकड़ी को शनि की दशा दूर करने के लिए बहुत ही असरदार माना जाता है। शनिवार के दिन शमी के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से बहुत लाभ होता है।
भभूत का तिलक
भभूत या फिर श्मशान की भस्म से तिलक करने पर भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। भभूत भगवान शिव की प्रिय वस्तुओं में से एक माना जाता है। भगवान शिव की पूजा में भभूत का प्रयोग अनिवार्य माना जाता है।
केसर और हल्दी का तिलक
केसर और हल्दी का सीधा संबंध गुरु ग्रह से होता है। अगर आपकी कुंडली में गुरु की दशा चल रही है तो आप रोजाना स्नान के बाद केसर या फिर हल्दी का तिलक लगाकर ही घर से किसी काम से निकलें। गुरुवार के दिन हल्दी और केसर का तिलक लगाने से विशेष लाभ होता है। ऐसा करने से गुरु ग्रह के सारे दोष खत्म हो जाते हैं। सफेद चंदन की लकड़ी को पत्थर पर घिसकर उसमें केसर मिलाकर लेप को माथे पर लगाना चाहिए या टीका लगाना चाहिए।
लाल चंदन
लाल चंदन का तिलक लगाने से गणेशजी प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही लाल चंदन का तिलक लगाने से सूर्य और बुध ग्रह भी मजबूत होते हैं। इसके साथ ही पूजा की सुपारी को घिसकर उसका तिलक माथे पर लगाने भी बुध की दशा में लाभ होता है।