Somvati Amavasya: सोमवती अमावस्या पर करें ये उपाय, आर्थिक लाभ के साथ मिलेगी मानसिक शांति

Update: 2024-12-28 06:23 GMT
Somvati Amavasya: पौष माह में पड़ने वाली अमावस्या महत्वपूर्ण मानी जाती है और अगर यह सोमवार और शनिवार को पड़े तो इसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है। इस बार अमावस्या 30 दिसंबर सोमवार को है। इस कारण इसे सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है।शास्त्रों के अनुसार, सोमवती अमावस्या करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन भगवान शिव के साथ मां पार्वती की उपासना से साधक को सुख-शांति मिलती है। व्रती को अखंड सौभाग्य, खुशहाली और पितरों का आशीर्वाद मिलता है। सनातन धर्म में अमावस्या का बहुत महत्व है। यह दिन पितरों की पूजा और तर्पण को समर्पित है।
पूजा-विधि : प्रात:काल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पीपल वृक्ष के नीचे दीपक जलाएं और गंगाजल अर्पित करें। वृक्ष की 108 बार परिक्रमा करें और ॐ नम: शिवाय या ॐ विष्णवे नम: का जाप करें। पीपल को कच्चा दूध, जल, हल्दी और चावल अर्पित करें। अंत में हाथ जोड़कर परिवार की सुख-समृद्धि और शांति के लिए प्रार्थना करें। पूजा में सच्ची श्रद्धा और आस्था रखें। नकारात्मक विचारों से बचें और दूसरों की भलाई का संकल्प लें।
आर्थिक लाभ के लिए करें ये उपाय-
ज्योतिष शास्त्र में इस दिन को लेकर कई नियम हैं, जिनका पालन आवश्यक है। इस दिन भगवान शिव का महामृत्युंजय मंत्र जाप करना चाहिए। साथ ही भगवान शिव के अभिषेक से विशेष लाभ मिलती है। ऐसा करने से आर्थिक तंगी दूर होती है और धन आगमन के मार्ग खुलते हैं।
स्नान-दान का समय- 30 दिसंबर को को सुबह से ही अमावस्या तिथि लग रही है, जिस वजह से 30 दिसंबर को दिनभर स्नान-दान किया जा सकता है।
मानसिक शांति और आत्मिक संतोष के लिए करें ये उपाय-
पीपल वृक्ष की पूजा, पितृ तर्पण और दान-पुण्य करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ती के साथ ही मानसिक शांति और आत्मिक संतोष भी मिलता है
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