इस तरह मनाई जाती है नरक चतुर्दशी, जानिए शुभ मुहूर्त

धनतेरस के अगले दिन छोटी दिवाली मनाई जाती है. इस नरक चतुर्दशी भी कहते हैं. इस दिन अकाल मृत्यु का खतरा टालने के लिए यमराज की पूजा की जाती है.

Update: 2020-11-13 06:33 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्कधनतेरस के अगले दिन छोटी दिवाली मनाई जाती है. इस नरक चतुर्दशी भी कहते हैं. इस दिन अकाल मृत्यु का खतरा टालने के लिए यमराज की पूजा की जाती है. इस दिन यम दीपक जलाते हैं. हिंदु कैलेंडर के हिसाब से कार्तिक मास की चतुर्दशी को छोटी दिवाली मनाई जाती है. जिस तरह से इस साल धनतेरस को लेकर स्थिति साफ नहीं है ठीक वही हाल छोटी दिवाली का भी है.

इस साल धनतेरस 12 और 13 नवंबर को मनाया जा रहा है. कुछ लोग 12 को मना रहे हैं तो कुछ 13 को. 12 नवंबर को धनतेरस मनाने वाले लोग 13 नवंबर को छोटी दिवाली मनाएंगे और जो लोग 13 नवंबर को धनतेरस मना रहे हैं वह बड़ी और छोटी दोनों दिवाली एक साथ मनाएंगे.

शुभ मुहूर्त

चतुर्दशी तिथि 13 नवंबर को शाम 5 बजकर 59 मिनट के बाद शुरू होगी और 14 नवंबर 2 बजकर 17 मिनट पर खत्म होगी. नरक चतुर्दशी की पूजा करने का शुभ मुहूर्त 14 नवंबर को सुबह 5 बजकर 23 मिनट से सुबह 6 बजकर 43 मिनट तक है. इस 1 घंटे 20 मिनट में आप नरक चतुर्दशी की पूजा कर सकते हैं.

नरक चतुर्दशी के दिन कैसे जलाएं दीपक

कार्तिक चतुर्दशी की रात को यमराज का दीपक जलाया जाता है. इस दिन यमराज के नाम दीपक जलाने का एक तरीका है. घर का सबसे बड़ सदस्य यम के नाम का एक बड़ा दीपिक जलाते हैं. इसके बाद इसे पूरे घर में घुमाएं. उसके बाद घर के बाहर जाकर दूर इस दीपक को रक आएं. घर के बाकी सदस्य घर के अंदर ही रहें और इस दीपक को ना देखें.

नरक चतुर्दशी का संबंध स्वच्छता से भी है. इस दिन लोग अपने घरों का कूड़ा-कचरा बाहर निकालते हैं. इसके अलावा यह भी मान्यता है कि इस दिन प्रात:काल सूर्योदय से पूर्व तेल एवं उबटन लगाकर स्नान करने से पुण्य मिलता है.

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