Mahashivratri में भगवान शिव की पूजा जानें विधि

Update: 2025-01-31 07:47 GMT
Mahashivratri ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन महाशिवरात्रि को बहुत ही खास माना जाता है जो कि शिव को समर्पित दिन है इस दिन भक्त भगवान भोलेनाथ की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं। मान्यता है कि इस पावन दिन पर शिव साधना करने से प्रभु की असीम कृपा बरसती है और दुख परेशानियां दूर हो जाती हैं।
 इस साल महाशिवरात्रि का त्योहार 26 फरवरी को मनाया जाएगा। इस दिन पूजा पाठ और व्रत करना लाभकारी माना जाता है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा शिव पूजा की संपूर्ण सामग्री लिस्ट के बारे में बता रहे हैं तो
आइए जानते हैं।
 महाशिवरात्रि पूजा सामग्री—
महाशिवरात्रि की पूजा में 5 या 11 मिट्टी के दीपक, पानी वाला नारियल, एक रक्षासूत्र, पीली सरसों, अखंडित अक्षत, कुश का आसन, पंचमेवा, फल, मिठाई, गन्ने का रस, इलायची, तिल, जौ, चंदन, रुद्राक्ष, कुमकुम, भस्म, केसर, सिंदूर, धूप, बत्ती, घी, चीनी, दूध, दही, गंगाजल, मधु, गुड़, कपूर, पान के पत्ते, सुपारी, लौंग, इलायची, वस्त्र, सोलह श्रृंगार या सुहाग की सामग्री, बेलपत्र, पुष्प, भांग, धतूरा, आम का पत्ता, शमी के पत्ते, माचिस, आरती और चालीसा की पुस्तक, दान सामग्री, हवन की सामग्री आदि चीजों को शामिल करें।
 महाशिवरात्रि व्रत के नियम—
महाशिवरात्रि व्रत भोर से आरंभ हो जाता है और व्रत का समापन अगले दिन पारण समय के दौरान ही करना उचित होता है। महाशिवरात्रि व्रत के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना जरूरी है। इसके अलावा रात्रि जागरण करना चाहिए। इससे व्रत का फल दोगुना हो जाता है। महाशिवरात्रि व्रत में भोजन और नमक से परहेज करना चाहिए। इसके अलावा दूध, पानी और फलों का सेवन व्रती कर सकते हैं व्रत के दौरान भूलकर भी बुरे विचारों, बुरी संगति और बुरे शब्दों का प्रयोग न करें इनसे दूरी बनाएं। इस समय बुराईयों से दूर रहना चाहिए।
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