नवरात्रि का तीसरा दिन : आज एक साथ है मां चंद्रघंटा और कूष्मांडा की पूजा का शुभ संयोग, जानिए मंत्र, पूजा- विधि, पर भोग

नवरात्रि के पावन पर्व में मां के 9 रूपों की विधि- विधान से पूजा- अर्चना की जाती है।

Update: 2021-10-09 02:08 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नवरात्रि के पावन पर्व में मां के 9 रूपों की विधि- विधान से पूजा- अर्चना की जाती है। इस साल तृतीया और चतुर्थी व्रत एक ही दिन रखा जाएगा, जिस वजह से नवरात्रि का पर्व 8 दिनों का ही होगा। आज मां के तृतीय और चतुर्थ स्वरूप की पूजा- अर्चना की जाएगी। तृतीया तिथि पर मां के तृतीय स्वरूप मां चंद्रघंटा और चतुर्थी तिथि पर मां के चतुर्थ स्वरूप मां कूष्माण्डा की पूजा- अर्चना की जाती है।

मां चंद्रघंटा का स्वरूप-
माता का तीसरा रूप मां चंद्रघंटा शेर पर सवार हैं। दस हाथों में कमल और कमडंल के अलावा अस्त-शस्त्र हैं। माथे पर बना आधा चांद इनकी पहचान है। इस अर्ध चांद की वजह के इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है।
वस्त्र-
मां चंद्रघंटा की पूजा में उपासक को सुनहरे या पीले रंग के वस्त्र पहनने चाहिए।
पुष्प-
मां को सफेद कमल और पीले गुलाब की माला अर्पण करें।
भोग-
मां को केसर की खीर और दूध से बनी मिठाई का भोग लगाना चाहिए। पंचामृत, चीनी व मिश्री भी मां को अर्पित करनी चाहिए।
मंत्र
पिण्डजप्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता।।
मां कूष्मांडा का स्वरूप-
मां कूष्मांडा की आठ भुजाएं हैं। मां को अष्टभुजा देवी के नाम से भी जाना जाता है। इनके सात हाथों में क्रमशः कमंडल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा है। आठवें हाथ में जपमाला है। मां सिंह का सवारी करती हैं। मां कूष्मांडा सूर्यमंडल के भीतर के लोक में निवास करती हैं। मां के शरीर की कांति भी सूर्य के समान ही है और इनका तेज और प्रकाश से सभी दिशाएं प्रकाशित हो रही हैं।
देवी कूष्मांडा मंत्र-
या देवी सर्वभू‍तेषु मां कूष्‍मांडा रूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
भोग-
मां कुष्मांडा को मालपुए बहुत प्रिय हैं इसीलिए नवरात्रि के चौथे दिन उन्हें मालपुए का भोग लगाया जाता है।
वस्त्र-
मां कूष्मांडा की पूजा में उपासक को नारंगी रंग के वस्त्र पहनने चाहिए।
आज के शुभ मुहूर्त-
ब्रह्म मुहूर्त- 04:40 ए एम से 05:29 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 11:45 ए एम से 12:31 पी एम
विजय मुहूर्त- 02:05 पी एम से 02:51 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 05:46 पी एम से 06:10 पी एम
अमृत काल- 08:48 ए एम से 10:15 ए एम
रवि योग- 06:18 ए एम से 04:47 पी एम


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