चैत्र नवरात्रि में दुर्गा मां के नौ दिनों में उनके नौ स्वरूपों की पूजा होती है. मां दुर्गा के छठे स्वरूप का नाम कात्यायनी है इसलिए नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. 27 मार्च को मां कात्यायनी की पूजा देशभर में होगी और जो लोग व्रत रखते हैं इस दिन को षष्ठी के रूप में मनाएंगे. इस दौरान मां कात्यायनी के मंत्र, आरती और पूजा विधि को बहुत ध्यान से करने की जरूरत होती है. शास्त्रों में मां कात्यायनी का व्याख्यान है और उनके अनमोल विचार जो भी अपने जीवन में उतारता है उनका उद्धार हो जाता है.
अपनाएं मां कात्यायनी के अनमोल वचन (Katyayani Quotes in Hindi)
मां कात्यायनी को अधिष्ठात्रि देवी भी कहते हैं और उनके महिषासुर मर्दिनी भी कहते हैं. ऋषि कात्यायन की घोर तपस्या करने के बाद मां दुर्गा उनके घर पुत्री के रूप में जन्म ली थीं और इस तरह उनका नाम कात्यायनी पड़ा. नवरात्रि में इन्हें छठवीं देवी कहते हैं और इस दिन आप उनके शुभ विचारों को जरूर पढ़ें.
1. या देवी सर्वभूतेषु मां कात्यायानी रूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
2. दुर्गति नाशिनी दुर्गा की जय जय
काल विनाशिनी काली की जय जय
उमा रमा ब्रह्म्णी की जय जय
राधा सीता रुक्मिणि की जय जय
3. कट जाते हैं भव-बाधा, जब मां आप प्रसन्न होती हैं
देती है वरदान भक्तों को, असुरों का संहार करती हैं
4. जो सच्चे हृदय से मां कात्यायनी की आराधना करता है
उस भक्त को अनोखी शक्ति प्राप्त होती है
5. नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी आपके घर विराजे
आपका घर सुख समृद्धि वैभव से परिपूर्ण रहे
आपके घर सभी स्वस्थ रहें निरोगी रहें
ऐसी कृपा मां कात्यायनी की आप पर बनी रहे
6. चिंता भय परेशानी हताशा उन्ही को होती है
जो मां के दरबार तक नहीं पहुंच पाते
सच्चे हृदय से बोलो मां कात्यायनी की जय
7. ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी,
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते