Chaturmas पर इन चार महीनों में वर्जित हैं ये कार्य

Update: 2024-07-17 10:46 GMT
Chaturmas ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू धर्म में चातुर्मास को महत्वपूर्ण बताया गया है, पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु चार महीन के लिए योग निद्रा में चले जाते है। इन्हीं चार महीनों की अवधि को चातुर्मास के नाम से जाना जाता है इस दौरान शुभ व मांगलिक कार्यों को करना वर्जित माना गया है
मान्यता है कि इन महीनों में अगर इन कार्यों को किया जाए तो अशुभ फलों की प्राप्ति होती है आज यानी 17 जुलाई दिन बुधवार को देवशयनी एकादशी मनाई जा रही है और इसी दिन से चातुर्मास का आरंभ हो चुका है इस दौरान कई सारे कार्यों पर रोक लग जाती है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा बता रहे हैं कि चातुर्मास के चार महीनों में किन कार्यों को करना वर्जित माना गया है तो आइए जानते हैं।
चातुर्मास के दिनों में वर्जित हैं ये काम—
चातुर्मास के चार महीनो के दौरान भगवान विष्णु क्षीर सागर में शयन को चले जाते हैं ऐसे में यह समय मांगलिक कार्य के लिए शुभ नहीं माना जाता है इस दौरान विवाह और सगाई जैसे कार्यों को भी नहीं करना चाहिए इन पर रोक लगी होती है। चातुर्मास के दिनों में नया घर, जमीन नहीं खरीदना चाहिए नए मकान का गृह प्रवेश करना भी अच्छा नहीं माना जाता है इस दौरान नए निर्माण के कार्य का आरंभ भी नहीं करना चाहिए वरना बाधा आ सकती है।
इसके अलावा चातुर्मास के दिनों में बहू या बेटी की विदाई करना भी अशुभ माना जाता है नई दुकान या किसी नए काम की शुरुआत के लिए भी यह समय अच्छा नहीं माना गया है। चातुर्मास के दिनों में मुंडन और जनेउ संस्कार भी नहीं करना चाहिए इसे अच्छा नहीं माना जाता है इस दौरान अगर इन नियमों का पालन किया जाए तो लाभ की प्राप्ति होती है।

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