नेफेड से अच्छी और उच्च क्वालिटी का चना लिया और वितरण किया घटिया चना, ये है माफिया का खेल
प्रमोटी भ्रष्ट अधिकारी भूपेश सरकार से ही इस अवैध कारोबार में शामिल
कैलाश और विनोद भूपेश सरकार के खास सप्लायर माफिया बने हुए थे
भूपेश सरकार के एक मंत्री के पाटर्नर के रूप में भी कार्य करते रहे
रायपुर raipur news (जसेरि)। भ्रष्ट अधिकारी और दलाल पीडीएस के तहत हितग्राहियों को चना आपूर्ति में भ्रष्टाचार Corruption कर सरकार की साख पर बट्टा लगा रहे हैं। भ्रष्ट अधिकारी और दलाल मिलीभगत कर नैफेड से उच्च क्वालिटी का चना प्राप्त कर बाज़ार से घटिया चना जिसे जानवर के चारे के लिए उपयोग में लिया जाता है को सस्ते दामों पर खऱीद कर छत्तीसगढ़ के गऱीब आदिवासियों को उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से वितरित कर रहे हैं। इसका ठेका चना माफिय़ा पिछले 20 सालों से अलग अलग नामों से ले रहे है। कांग्रेस की भूपेश सरकार में सरकार के मंत्री के ख़ास रहे दलाल निरंतर कई सालों से अलग-अलग फर्जी फर्म बनाकर जीएसटी चोरी कर सरकार को नुक़सान पहुँचा रहे है। केंद्रीय और स्टेट जीएसटी की चोरी से सरकार को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया जा रहा है। चने की पैकेजिंग और सप्लाई में जो खेल हो रहा है उसका बड़े पैमाने पर जांच की जरुरत है। नेफेड द्वारा उपलब्ध कराए गए चने की जीएसटी इनवाइस की इनपुट और सप्लायरों द्वारा पैकेजिंग के लिए उठाए गए और सप्लाई किए गए चने की जीएसटी की इनपुट और जमा किए गए जीएसटी की जांच कर इस अनियमितता की तह तक पहुंचा जा सकता है। सरकार को इस मामले में स्वतंत्र एजेंसी से जांच के लिए तुरंत कदम उठाने चाहिए, जिससे राज्य के करोड़ों रुपए की चोरी रोकी जा सके और भ्रष्ट अधिकारियों और दलालों पर नकेल कसा जा सके। chhattisgarh
chhattisgarh news छत्तीसगढ़ में हज़ारों करोड़ के चना चोरी का खेल विगत 6-7 सालों से बड़े पैमाने पर हो रहा है। लूट का यह खेल दो ही लोगों इर्द-गिर्द चल रहा है जो फर्म का नाम बदल बदल कर हर साल टेंडर लेते है और जीएसटी के साथ इनकम टैक्स की चोरी कर जनता का पैसा लूट रहे हैं। सरकार के पैसे से खऱीदे गए चने को ऊंचे रेट में दिल्ली और मुम्बई के साथ विदेशों में बेचा गया। ख़बर यह भी है कि जो चना बाहर एक्सपोर्ट हुआ वह अच्छी क्वालिटी का था और मध्य प्रदेश की उपज थी लेकिन छत्तीसगढ़ में नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा जो चनॉ हितग्राहियों को बाँटा जा रहा है वो छत्तीसगढ़ की उपज है और पुरानी फ़सल होने के कारण उसमें फफूंद लग गया है। निम्न क्वालिटी होने के कारण यह चना खाने योग्य नहीं है और उसका खुले बाजार में मात्र 15 रुपया किलो मूल्य ही आंका जाता है। इसका इस्तेमाल जानवरों को दिये जाने वाले चारे में किया जाता है। जबकि फ्रेश चना 70-80 रुपये किलो बाज़ार में बेचा गया जिसके हिसाब से हज़ारों करोड़ रुपये की चोरी हुई। अब यह देखना है कि सरकार इस अनियमितता को संज्ञान में लेकर किसी तरह की जाँच कराती है या नहीं। जानकार बता रहे हैं कि घोटाला बिगत 7 सालों में 20 हज़ार करोड़ रुपये से भी ज्यादा का हुआ है। गऱीब आदिवासियों को उम्मीद है कि सरकार अच्छा राशन नागरिक आपूर्ति निगम के माध्यम से राशन दुकानों में प्रदान करें। क्वालिटी चेक करने के साथ ही अन्य मापदंडों के अनुरूप उच्च गुणवत्ता के खाद्य पदार्थ राशन दुकानों को उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इस पूरे मामले में उच्च स्तरीय जाँच कराना चाहिए। नागरिक आपूर्ति निगम से लेकर केंद्रीय भंडार के अधिकारियों की भी जाँच आवश्यक रूप से होनी चाहिए तभी जाकर ये चना घोटाला का संपूर्ण सच सामने आएगा और घोटाले में शामिल सभी आरोपी अधिकारी और चना माफिय़ा पकड़े जाएंगे।
भाजपा के एक छोटे से कार्यकर्ता ने ये सभी बातों का खुलासा करते हुए कहा कि पूर्व खाद्यमंत्री खासमखास चना माफिया विनोद लगातार विगत 6 से 7 सालों से सुर्खियों में बने हुए है और इनके यहां कई बार रेड भी मार चुकी है।
शायराना अंदाज में एक कड़ी के नाम से बनाई -
कैलाश और विनोद की है चाल,
कांग्रेस पार्टी दिल्ली का भी हो सकता है कोई लाल
भाजपा सरकार की ईज्जत को कर रहे बेहाल
-केवल श्रीचंद
जय श्रीराम जय श्रीराम