नौकरी-व्यापार में होगी धन प्राप्ति, गुप्त नवरात्रि के दौरान कर लें ये 5 काम

माघ गुप्त नवरात्रि की शुरूआत 2 फरवरी, बुधवार से हो रही है. गुप्त नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना के अलावा दस माहाविद्धा की भी पूजा की जाती है. इस बार गुप्त नवरात्रि की शुरूआत रवियोग और सर्वार्थसिद्धि योग से हो रही है.

Update: 2022-02-01 06:37 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। माघ गुप्त नवरात्रि की शुरूआत 2 फरवरी, बुधवार से हो रही है. गुप्त नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना के अलावा दस माहाविद्धा की भी पूजा की जाती है. इस बार गुप्त नवरात्रि की शुरूआत रवियोग और सर्वार्थसिद्धि योग से हो रही है. जिसमें माता की उपासना से कई गुना अधिक फल मिलता है. इसके अलावा गुप्त नवरात्रि में कुछ उपाय करने से धन प्राप्ति होती है.

नौकरी में धन प्राप्ति के लिए
गुप्त नवरात्रि के दौरान लाल आसन पर बैठकर माता की उपासना करें. लाल कपड़े में 9 लौंग रखकर पूरे नौ दिन माता को चढ़ाएं. रोजाना कपूर से माता की आरती करें. नवरात्रि समाप्त होने के बाद सारे लौंग लाल कपड़े में बांधकर सुरक्षित रखें. इससे धन की समस्या दूर होगी.
बिजनेस में धन लाभ के लिए
माघ गुप्त नवरात्रि के दौरान रोज शाम के वक्त मां लक्ष्मी की पूजा करें. साथ ही मां लक्ष्मी के सामने घी का दीपक जलाएं. इसके अलावा श्रीसूक्त का पाठ करें. गुप्त नवरात्रि के दौरान किसी दिन कच्चे सूत को हल्दी से रंगकर पीला कर लें. इसके बाद इसे मां लक्ष्मी को समर्पित करके गले में धारण करें. बिजनेस में धन लाभ का योग बनेगा.
कर्ज से मुक्ति पाने के लिए
गुप्त नवरात्रि के दौरान प्रतिदिन सुबह मां दुर्गा की पूजा करें. पूजन के वक्त माता को लाल फूल चढ़ाएं. इसके बाद उनके सामने सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करें. इतना करने के बाद माता से कर्ज से मुक्ति की प्रार्थना करें.
हर प्रकार से आर्थिक समृद्धि के लिए
गुप्त नवरात्रि के दौरान रोजाना सुबह और शाम मां दुर्गा की उपासना करें. सुबह की पूजा में माता को सपेद फूल और शाम की पूजा में लाल पुष्प अर्पित करें. इसके अलावा दोनों वक्त 'ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ज्वल हं सं लं फट् स्वाहा' इस मंत्र का 108 बार जाप करें. नवमी के दिन कन्या भोजन कराकर उन्हें उपहार देकर उनसे आशीर्वाद लें.
कौन-कौन हैं दस महाविद्या
गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्या काली, तारा, त्रिपुरसुंदरी, भुनेश्‍वरी, छिन्‍नमस्ता, भैरवी, धूमावती, बगलामुखी की गुप्त तरीके से पूजा-उपासना का विधान है.


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