ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में ग्रहण को एक महत्वपूर्ण घटना माना गया है जिससे जुड़े कई नियम भी बताए गए हैं जिनका पालन ग्रहण काल में करना जरूरी होता है। ज्योतिष अनुसार साल का पहला सूर्य ग्रहण इस बार नवरात्रि से एक दिन पहले यानी की 8 अप्रैल को लगने वाला है।
यह ग्रहण भारतीय समयानुसार 8 अप्रैल की रात 9 बजकर 12 मिनट से आरंभ होगा और रात को 1 बजकर 20 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। ज्योतिष अनुसार ग्रहण को एक अशुभ घटना माना जाता है ऐसे में कुछ खास नियमों का पालन भी करना होता है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा ग्रहण से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
ग्रहण की तारीख और सूतक काल—
आपको बता दें कि साल का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को रात 9 बजकर 12 मिनट से लेकर 1 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। ग्रहण के न दिखने के कारण भारत में इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। साल का पहला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। लेकिन दुनियाभर के कई हिस्सों में यह दिखाई देगा।
सूर्य ग्रहण से जुड़े जरूरी नियम—
आपको बता दें कि ग्रहण काल के दौरान गर्भवती महिलाओं को खास तौर पर सावधानी बरतनी चाहए। इस दौरान खाने पीने से परहेज करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए पेट पर गेरू लगाने की सलाह दी जाती है। इस दौरान पूजा करना करना और देवी देवताओं को स्पर्श करना सही नहीं माना जाता है इससे नकारात्मकता का प्रभाव बढ़ता है। ग्रहण के दौरान घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। साथ ही इसके बुरे प्रभाव से बचने के लिए मंत्रों का जाप करें ऐसा करना लाभकारी माना जाता है।