माणिक्य का लाभ सिर्फ धारण करने से ही नहीं मिलता, इसके लिए जरूरी है ये छोटा-सा काम

रत्नों का रहस्य बहुत ही अलग प्रकार का होता है, कई बार देखा जाता है कि व्यक्ति अपनी कुंडली दिखा कर और पंडित जी को अपनी समस्या बता कर रत्न की जानकारी करता है और अपनी राशि के अनुसार रत्न की अंगूठी बनवाकर उचित मुहूर्त में विधि विधान से धारण कर लेता है फिर भी उसे उसका वह फल नहीं प्राप्त होता है जो वह चाहता है.

Update: 2022-06-05 01:39 GMT

फाइल फोटो 

 जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रत्नों का रहस्य बहुत ही अलग प्रकार का होता है, कई बार देखा जाता है कि व्यक्ति अपनी कुंडली दिखा कर और पंडित जी को अपनी समस्या बता कर रत्न की जानकारी करता है और अपनीरत्न, माणिक्य, माणिक्य रत्न, माणिक्य के लाभ, Gemstone, Ruby, Ruby Gemstone, Benefits of Ruby,

 के अनुसार रत्न की अंगूठी बनवाकर उचित मुहूर्त में विधि विधान से धारण कर लेता है फिर भी उसे उसका वह फल नहीं प्राप्त होता है जो वह चाहता है. उचित फल न प्राप्त करने से निराश होने की जरूरत नहीं है बल्कि उससे संबंधित कुछ उपाय करने की जरूरत है.

इस लेख में हम बात करेंगे सूर्य और माणिक्य की. सूर्य को प्रसन्न करने के लिए लोग माणिक्य पहन लेते हैं फिर भी लाभ नहीं मिल पाता और वे परेशान होते हैं कि रत्न धारण करने के बाद भी कोई फायदा नहीं हो रहा है. दरअसल रत्नों का संबंध परिवार के अंदर किसी अनमोल रिश्ते से भी जुड़ा होता है, हो सकता है कि आप परिवार के किसी ऐसे ही अनमोल रिश्ते को इग्नोर कर रहे हों जिसके कारण आपका रत्न का पूरा फल नहीं मिल पा रहा है.
माणिक्य का सीधा संबंध पिता से
माणिक्य का सीधा संबंध पिता से होता है. जिस तरह पिता परिवार का मुखिया होता है, ठीक उसी तरह ग्रहों के मुखिया सूर्य है, सूर्य को प्रसन्न करना है तो उनसे संबंधित जीव को भी प्रसन्न करना होगा. सूर्य का जीव पिता है, जब तक पिता को आप प्रसन्न नहीं करेंगे, रत्न का पूरा लाभ नहीं मिलेगा. जिस तरह महंगा मोबाइल लेने के बाद उसमें सिम डाल कर एक्टिवेट करने पर ही वह काम करना शुरू करता है, ठीक उसी तरह माणिक्य को एक्टिवेट करने के लिए पिता को प्रसन्न करना होगा, उन्हें खुश करना होगा, यदि आपके व्यवहार से आपके पिता आपसे दुखी रहते हैं तो आपको माणिक्य धारण करने के बाद भी कोई लाभ नहीं मिलने वाला है.
पिता को दुखी करना ठीक नहीं है, उनकी सेवा कर उन्हें खुश करिए. यदि उनकी सेवा का मौका मिलता है तो उस अवसर को छोड़िए नहीं बल्कि उनके पास बैठिए, कुछ बातचीत कीजिए, पैर दबा कर सेवा कीजिए. उनकी आज्ञा का पालन करिए. बिना उनसे पूछे उनकी जरूरतें देखें और उन्हें पूरी करें. उनके जन्मदिन पर उनकी पसंद का कोई उपहार ला कर दें.
पिता का आशीर्वाद करेगा कवच का काम
जो लोग अपनी कुंडली के अनुसार सूर्य को प्रसन्न करना चाहते हैं तो उन्हें पिता का भरपूर आशीर्वाद लेना होगा. उनका आशीर्वाद आपके लिए कवच का काम करेगा, यह आशीर्वाद ही आपको प्रोटेक्ट करेगा. यदि आप पढ़ाई या जॉब की वजह से घर से कहीं दूर रहते हैं तो कोई बात नहीं आप फोन पर बात कर उनसे आशीर्वाद ले सकते हैं. वीडियो कॉल कर उनके दर्शन करिए, बिना उनके पूछे उनकी आवश्यकता पूरी करिए.
पिता नहीं हैं तो चित्र को प्रणाम करें
यदि किसी मनुष्य के पिता इस संसार में नहीं हैं तो उनकी हंसती हुई फोटो को फ्रेम कराने के बाद घर के नैऋत्य कोण यानी घर के केंद्र में खड़े हो कर दक्षिण- पश्चिम कॉर्नर की तरफ फोटो लगाएं और रोज घर से निकलने के पहले प्रणाम करें, ऑफिस से शाम को आने के बाद संध्या समय में तो अवश्य ही चित्र को प्रणाम करें.
घर के पूजा स्थल में तिरंगा रख करें पूजन
आप अपने घर के पूजा स्थल में देश का तिरंगा झंडा रख लें. यदि किसी और देश के नागरिक हैं तो वहां का राष्ट्रीय ध्वज रख लें और जिस तरह अन्य देवी देवताओं की पूजा कर फूल चढ़ाते हैं उसी तरह झंडे का भी पूजन कर पुष्प चढ़ाएं. दरअसल राष्ट्र भी सूर्य से कनेक्ट है. आप चाहें तो वहीं पर खड़े होकर राष्ट्रगान का पाठ करें, यह और भी अच्छा होगा.
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