Mauni Amavasya ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को बेहद ही खास माना जाता है जो कि हर माह में एक बार पड़ती है। यह तिथि पितरों को समर्पित मानी जाती है। इस दिन को पितरों की शांति के लिए सबसे उत्तम बताया गया है। सभी अमावस्या तिथियों में सबसे महत्वपूर्ण माघ मास की अमावस्या होती है इसे मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।
मान्यता है कि मौनी अमावस्या पर मौन रहकर स्नान और दान करने से कई जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं साथ ही शुभ फलों की प्राप्ति भी होती है। इस साल मौनी अमावस्या 29 जनवरी को मनाई जाएगी, इस दिन अगर पितरों के नाम का दीपक जलाया जाए तो पूर्वज प्रसन्न होकर कृपा करते हैं, तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा बता रहे हैं कि मौनी अमावस्या पर कितने और कहां दीपक जलाना शुभ रहेगा तो आइए जानते हैं।
मौनी अमावस्या पर जलाएं दीपक—
ज्योतिष अनुसार मौनी अमावस्या पर पितरों के लिए दक्षिण दिशा में दीपक जलाना चाहिए मान्यता है यह दिशा पितरों को समर्पित होती है और इस दिशा में दीपक जलाने से पूर्वज प्रसन्न हो जाते हैं।
दीपक जलाने की सरल विधि—
आपको बता दें कि मौनी अमावस्या पर सूर्यास्त के बाद मिट्टी के दीपक को पानी से धोकर साफ करें इसके बाद उसमें सरसों या तिल का तेल डालकर बाती गलाकर जलाएं। दीपक को घर के बाहर दक्षिण दिशा में रख दें। दीपक को रातभर जलने दें और अगर घर में पितरों की तस्वीर है तो उसके सामने भी आप एक दीपक जला सकते हैं।
दीपक जलाने का शुभ समय—
अमावस्या तिथि पर पितरों के लिए दीपक सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में जलाना शुभ रहेगा। इस दिन प्रदोष काल शाम को 5 बजकर 58 मिनट तक रहेगी। इस दौरान पितरों के लिए दीपक जलाना लाभकारी होगा।