Somvati Amavasya Tulsi Parikrama: सोमवती अमावस्या, इस विधि से करें मां तुलसी की परिक्रमा

Update: 2024-08-29 05:23 GMT
Somvati Amavasya Tulsi Parikrama:पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह की अमावस्या का आरंभ 2 सितंबर, दिन सोमवार को सुबह 5 बजकर 21 मिनट पर होगा और इसका समापन अगले दिन 3 सितंबर को सुबह 7 बजकर 24 मिनट पर होगा. भाद्रपद माह की अमावस्या 2 सितंबर 2024, दिन सोमवार को मनाई जाएगी. सोमवती अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त का समय सुबह 4 बजकर 38 मिनट से लेकर सुबह के 5 बजकर 24 मिनट तक रहेगा. इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 9 मिनट से लेकर सुबह के 7 बजकर 44 मिनट तक रहेगा.
तुलसी की परिक्रमा करने की विधि
सोमवती अमावस्या के दिन सबसे पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
तुलसी के पौधे को गंगाजल से धोकर साफ करें और उनका श्रृंगार करें.
तुलसी के पौधे के सामने घी का दीपक जलाएं और धूप दें.
तुलसी के पौधे को फूल, चंदन आदि से सजाएं.
तुलसी के पौधे की दक्षिणावर्त दिशा में 108 बार बार परिक्रमा करें.
परिक्रमा करते समय ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ या ‘ॐ तुलसी माता नमः’ मंत्र का जाप करें.
मां तुलसी से अपनी मनोकामनाएं मांगें.
इन बातों का रखें खास ध्यान
सोमवती अमावस्या के दिन व्रत का पालन कर तुलसी की परिक्रमा करने से सभी प्रकार के दुख दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है. इसके अलावा मोक्ष की प्राप्ति होती है और मन शांत और स्थिर रहता है. सोमवती अमावस्या पर तुलसी की परिक्रमा करते समय मन में किसी भी प्रकार का नकारात्मक विचार नहीं लाना चाहिए और तुलसी के पौधे को हमेशा साफ-सुथरा रखना चाहिए. तुलसी के पौधे को कभी भी तोड़ना नहीं चाहिए.
ऐसी मान्यता है कि तुलसी को सभी देवी-देवताओं का प्रिय माना जाता है. तुलसी का पौधा घर में लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. तुलसी के पत्ते को भगवान विष्णु को चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है. तुलसी के पौधे को घर के आंगन में या घर के पूर्व या उत्तर दिशा में लगाना शुभ माना जाता है. सोमवती अमावस्या पर तुलसी की परिक्रमा करने से आप सभी प्रकार के दुखों से मुक्त हो सकते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं|

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