Somvati Amavasya 2024: 30 या 31 दिसंबर जानें, कब है साल की आखिरी सोमवती अमावस्या

Update: 2024-12-22 04:07 GMT
Somvati Amavasya 2024: हिन्दू पंचांग के अनुसार सोमवती अमावस्या का महत्व बहुत अधिक है। यह अमावस्या हर महीने में एक बार आती है लेकिन जब यह सोमवार के दिन पड़ती है, तो इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। सारी अमावस्या में से सोमवती अमावस्या को विशेष स्थान प्राप्त है, इसे बेहद ही खास माना जाता है। सोमवती अमावस्या विशेष रूप से पितरों की शांति और तर्पण के लिए मनाई जाती है। इस दिन को लेकर मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन व्रत करता है और पितरों के लिए तर्पण करता है, उसे पुण्य की प्राप्ति होती है और पितर भी प्रसन्न होते हैं। पौष माह होने की वजह से इस दिन श्री हरि के साथ हर यानि महादेव की पूजा की जाएगी। तो चलिए जानते हैं साल की आखिरी सोमवती अमवस्या किस दिन पड़ रही है ?
सोमवती अमावस्या कब
साल 2024 की आखिरी सोमवती अमावस्या 30 दिसंबर को है। यह तिथि बहुत ही खास मानी जाती है, खासकर हिन्दू धर्म में क्योंकि सोमवती अमावस्या का दिन विशेष रूप से पितरों के प्रति श्रद्धा और समर्पण का दिन होता है। इस दिन पितरों का ध्यान करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और पूरे परिवार पर उनका आशीर्वाद बना रहता है।
सोमवती अमावस्या और पितरों का श्राद्ध
सोमवती अमावस्या के दिन विशेष रूप से पितरों के प्रति श्रद्धा जताने के लिए श्राद्ध कर्म किए जाते हैं। हिन्दू धर्म में यह मान्यता है कि पितर अपने समय में जो कार्य करते हुए इस संसार से विदा हो गए थे, वे अमावस्या के दिन अपने परिवारजनों से तर्पण और श्रद्धा की आशा रखते हैं। खासकर अगर परिवार में कोई व्यक्ति दिवंगत हो चुका हो, तो उसकी आत्मा की शांति के लिए इस दिन पितृ तर्पण और श्राद्ध करना बहुत फलदायी माना जाता है।
सोमवती अमावस्या पूजा विधि
सोमवती अमावस्या सोमवार को आती है, इस दिन विशेष रूप से शिव जी की पूजा करने का विधान है। हिन्दू धर्म में सोमवार को शिव जी का दिन माना जाता है। इस दिन शिवलिंग पर दूध, जल, बेल पत्र, धतूरा आदि अर्पित करके पूजा की जाती है।
पितरों के लिए तर्पण या श्राद्ध का आयोजन भी इस दिन किया जाता है। तर्पण के दौरान पितरों के नाम से जल, तिल, और अन्य चीजें अर्पित की जाती हैं ताकि पितर संतुष्ट होकर आशीर्वाद दें।
कुछ लोग इस दिन रात्रि जागरण भी करते हैं और महादेव के भजन-कीर्तन में भाग लेते हैं। इस दिन विशेष रूप से शिव जी के मंत्रों का जाप करें।
इस दिन दान का विशेष महत्व होता है। व्रति को गरीबों को वस्त्र, अन्न, और अन्य दान देने चाहिए। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है।
2024 की सोमवती अमावस्या 30 दिसंबर को पड़ेगी। यह साल की आखिरी सोमवती अमावस्या होगी, और इसे विशेष रूप से महत्व दिया जाता है। हिन्दू धर्म में वर्ष के अंतिम महीने की सोमवती अमावस्या को विशेष रूप से पितृ दोष शमन और जीवन में सुख-समृद्धि लाने के लिए पूजा जाती है। साथ ही यह अमावस्या समाज और परिवार में शांति और सामंजस्य बनाए रखने के लिए भी लाभकारी मानी जाती है।
Tags:    

Similar News

-->