Sharad Purnima ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को बहुत ही खास माना गया है जो कि हर माह में एक बार पड़ती है। पूर्णिमा तिथि माता लक्ष्मी को समर्पित होती है इस दिन स्नान दान, पूजा पाठ और तप जप का विधान होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन पूजा पाठ और व्रत करना लाभकारी होता है। पंचांग के अनुसार हर साल आश्विन माह की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है इसी दिन माता लक्ष्मी समुद्र से प्रकट हुई थी।
मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन देवी साधना करने से धन धान्य की कमी नहीं रहती है और जीवन में खुशहाली आती है। शरद पूर्णिमा के दिन ही चंद्रमा धरती के सबसे करीब होता है, तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा शरद पूर्णिमा की तारीख और समय की जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
शरद पूर्णिमा की तारीख और मुहूर्त—
हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 16 अक्टूबर को रात 8 बजकर 40 मिनट पर होगा। वही इस तिथि का समापन अगले दिन यानी की 17 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 55 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में शरद पूर्णिमा 16 अक्टूबर को मनाई जाएगी। वही 17 अक्टूबर को सुबह 4 बजकर 43 मिनट से लेकर सुबह 5 बजकर 33 मिनट तक स्नान दान का शुभ मुहूर्त रहेगा।
पूजा का मुहूर्त—
शरद पूर्णिमा पर माता लक्ष्मी की पूजा का शुभ मुहूर्त 16 अक्टूबर को रात 11 बजकर 42 मिनट से लेकर रात 12 बजकर 32 मिनट तक है।