Shani Jayanti : इस मंदिर में सिंदूरी रंग में विराजमान है शनिदेव, सोलह श्रृंगार

Update: 2024-06-01 09:46 GMT
Shani Jayanti : शनि जयंती का पावन पर्व इस साल 6 जून को मनाया जाएगा। इस दिन शनिदेव की विधिवत पूजा की जाती है और व्रत आदि भी रखा जाता है मान्यता है कि ऐसा करने से शनिदेव का आशीर्वाद मिलता है शनि जयंती के शुभ अवसर पर हम आपको देश के एकलौते ऐसे मंदिर के बारे में बता रहे हैं जहां शनिदेव का रंग काला नहीं बल्कि सिंदूरी है और यहां पर शनिदेव पूरे सोलह श्रृंगार करते हैं तो आइए जानते हैं कि वो कौन सा प्रसिद्ध मंदिर है।
 शनिदेव का अनोखा मंदिर—
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश की राजधानी इंदौर में भगवान शनिदेव का एक ऐसा अनोखा शनि मंदिर है जिसे स्वयंभू माना जाता है इस मंदिर में भगवान शनिदेव काले न होकर सिंदूरी रंग के है। इसके अलावा यहां शनि देव को काले और नीले परिधान की जगह पर रंग बिरंगे वस्त्र पहनाएं जाते हैं
 शनिदेव का यह अनूठा मंदिर पुराने इंदौर शहर, जिसे जूना इंदौर में स्थित है कहा जाता है कि 700 साल पहले एक दृष्टिहीन धोबी को एक सपना आया जिसमें भगवान शनिदेव ने उससे कहा कि जिस पत्थर पर कपड़ा धोते हो, उस पत्थर में मेरा वास है।
 सपने से जाग कर उस धोबी ने शनिदेव की प्रार्थना की और कहा कि उसे देखने का सौभाग्य प्राप्त नहीं हुआ है इसलिए वह उस पत्थर में उनकी मूर्ति को पहचानने में असमर्थ है। ऐसा कहा जाता है कि अगले ही दिन धोबी को देखने की शक्ति प्रापत हुई तब उसने उस शनि पाषाण को स्थापित कर पूजा करना आरंभ कर दिया तब से वहां शनि भगवान की पूजा होने लगी। मान्यता है कि शनिदेव के इस मंदिर में प्रार्थना और दर्शन के बाद व्यक्ति को कभी भी शनि ग्रह से संबंधित समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है।
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