घर में लगाएं ये 5 पौधे, आएगी सुख-समृद्धि
सावन का पावन महीना आने वाला है। साल 2022 का श्रावण इस बार 14 जुलाई से शुरु हो रहा है
सावन का पावन महीना आने वाला है। साल 2022 का श्रावण इस बार 14 जुलाई से शुरु हो रहा है। भगवान भोलेनाथ को यह महीना बहुत ही पसंद है। भक्त भी शिव को प्रसन्न करने के लिए इस महीने में व्रत रखते हैं। इस महीने में आप अपने घर में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए यह पौधे लगा सकते हैं। तुलसी का पौधा आप वेद-पुराणों में बहुत ही शुभ माना गया है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, आप सावन के महीने में तुलसी के अलावा यह पौधे भी घर में लगा सकते हैं। तो चलिए जानते हैं इनके बारे में...
धतूरे का पौधा लगाएं
आप सावन के महीने में धतूरे का पौधा लगा सकते हैं। धतूरा भगवान शिव को प्रसाद माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इस पौधे में स्वंय शिव जी का वास होता है। आप मंगलवार और रविवार को धतूरे का पौधा लगा सकते हैं। ऐसा करने से आप पर भगवान शिव की कृपा बरसेगी और धन में भी वृद्धि होगी
केले का पौधा लगाएं
घर में केले का पौधा लगाना भी बहुत ही शुभ माना जाता है। इससे आपके घर की नेगेटिव एनर्जी खत्म होती है। मान्यता है कि तुलसी और केले का पौधा कभी भी साथ में नहीं लगाना चाहिए। यदि फिर भी किसी कारणवश आपको इन दोनों पौधे को साथ में लगाना पड़ रहा है तो आप मेन गेट के बाई और तुलसी और दाई और केले का पौधा लगा सकते हैं।
चंपा का पौधा लगाएं
वास्तु शास्त्र के अनुसार, सावन के महीने में चंपा का पौधा लगाना भी बहुत ही शुभ माना जाता है। आप इस पौधे को घर में उत्तर-पश्चिम दिशा के ओर लगा सकते हैं। मान्यता है कि इस पौधे को घऱ में लगाने से परिवार में कलह-कलेश नहीं होता और चारों तरफ से लाभ मिलता है।
शमी का पौधा लगाएं
सावन के मौसम में आप शमी का पौधा भी लगा सकते हैं। इसकी पूजा करने से आपको शनिदेव की कृपा भी प्राप्त होती है। साथ में सदैव आपके घर में सुख-शांति बनी रहती है।
बेल पत्र का पौधा लगाएं
सावन महीने में शिवलिंग पर भगवान शिव को बेल पत्र भी चढ़ाया जाता है। मान्यता है कि भगवान शिव को बेल पत्र बहुत ही प्रिय होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, आप इस महीने में बेल पत्र का पौधा घर में लगा सकते हैं। इससे आपके घर के वास्तु दोष भी खत्म होते हैं। ऐसा माना जाता है जिस घर में बेल पत्र का पौधा हो, वहां कभी भी पैसों की समस्या नहीं आती। मां लक्ष्मी भी सदैव आपने कृपा बनाकर रखती हैं।