Paush Amavasya 2024: पौष अमावस्या के दिन पूजा में शामिल करें ये खास चीजें

Update: 2024-12-24 04:17 GMT
Paush Amavasya 2024: पंचांग के अनुसार, पौष अमावस्या की तिथि 30 दिसंबर को सुबह 4 बजकर 1 मिनट से शुरू होगी और 31 दिसंबर को तड़के 3 बजकर 56 पर खत्म होगी. पौष अमावस्या का सूर्योदय 30 दिसंबर को सुबह 07:13 पर होगा. इसलिए पौष अमावस्या 30 दिसंबर को ही मनाई जाएगी|
30 दिसंबर को पौष अमावस्या के अवसर पर सोमवार दिन और वृद्धि योग का दुर्लभ योग बन रहा है. उस दिन वृद्धि योग प्रात:काल से रात 8 बजकर 32 मिनट तक है. वृद्धि योग शुभ योगों में से एक है. इस योग में आप जो भी कार्य करेंगे, उसमें सफलता प्राप्त होगी और उसके फल में बढ़ोत्तरी ही होनी है|
वृद्धि योग का महत्व
इस योग के नाम से ही आप जान सकते हैं कि यह वृद्धि करने वाला योग है. वृद्धि योग में आप जो भी काम करेंगे, वह बिना किसी विघ्न और बाधा के सफल होगा. वृद्धि योग में कोई भी नया कार्य या बिजनेस शुरू करना उत्तम होता है क्योंकि उसमें सफलता मिलती है और उसमें हमेशा बढ़ोत्तरी होती है|
पौष अमावस्या पर क्या करें
पौष अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर गंगा जल मिलाकर स्नान करें.
भगवान विष्णु और शिव जी प्रतिमा स्थापित करके पूजा करें.
ब्राह्मणों को भोजन करवाएं और दान करें.
पितरों का तर्पण करें और पीपल के पेड़ को जल चढ़ाएं और दीपक जलाएं|
पूजा में शामिल करें ये चीजें
काला तिल: काला तिल पितरों को अर्पित करने के लिए सबसे शुभ माना जाता है.
तिल का तेल: तिल का तेल से दीपक जलाने और तर्पण करने से पितरों को शांति मिलती है.
गंगाजल: गंगाजल को पवित्र माना जाता है. इसे पूजा में शामिल करने से पवित्रता बढ़ती है.
लाल चंदन: लाल चंदन को शुभ माना जाता है. इसे तिलक लगाने और पूजा में इस्तेमाल किया जा सकता है.
कुश: कुश को पूजा में इस्तेमाल किया जाता है. इसे तर्पण के समय भी इस्तेमाल किया जाता है.
फूल: सफेद या पीले रंग के फूल पूजा में चढ़ाए जा सकते हैं.
दीपक: दीपक जलाने से वातावरण पवित्र होता है.
धूप: धूप जलाने से सुगंधित वातावरण बनता है|
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