सोमवती अमावस्या के दिन ये 2 शुभ योग का बन रहा है संयोग, जानिए इनका महत्व व पूजन के उत्तम मुहूर्त

हिंदू धर्म में हर महीने आने वाली पूर्णिमा व अमावस्या का विशेष महत्व होता है।

Update: 2022-05-12 02:47 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म में हर महीने आने वाली पूर्णिमा व अमावस्या का विशेष महत्व होता है। हिंदू पंचांग के अनसार, हर माह में एक अमावस्या तिथि आती है। ऐसे में पूरे साल में कुल 12 अमावस्या पड़ती हैं। सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है। 2022 की आखिरी सोमवती अमावस्या के दिन सुकर्मा व धृति योग का शुभ संयोग बन रहा है। खास बात यह है कि इस दिन वट सावित्री व्रत भी रखा जाएगा।

सोमवती अमावस्या 2022 कब है?
सोमवती अमावस्या 30 मई, सोमवार को पड़ रही है। इस दिन सुबह 11 बजकर 39 मिनट तक सुकर्मा योग रहेगा। इसके बाद धृति योग शुरू होगा। ज्योतिष शास्त्र में इन दोनों योगों को बेहद शुभ माना जाता है।
सुकर्मा योग का महत्व-
ज्योतिष शास्त्र में सुकर्मा योग को शुभ योगों में गिना जाता है। मान्यता है कि इस योग में किए गए कार्यों में सफलता जरूर मिलती है। इस योग को खासकर नौकरी बदलने व मांगलिक कार्य करने के लिए शुभ माना जाता है।
धृति योग का महत्व-
सोमवती अमावस्या के दिन धृति योग रहेगा। धृति योग किसी भवन एवं स्थान का शिलान्यास, भूमि पूजन या नींव पत्थर रखने के लिए उत्तम माना गया है। इस योग में रखा गया नींव पत्थर आजीवन सुख-सुविधाएं प्रदान करता है।
सोमवती अमावस्या 2022 शुभ मुहूर्त-
ब्रह्म मुहूर्त- 04:03 ए एम से 04:43 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 11:51 ए एम से 12:46 पी एम
विजय मुहूर्त- 02:37 पी एम से 03:32 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 07:00 पी एम से 07:24 पी एम
सर्वार्थ सिद्धि योग- 07:12 ए एम से 05:24 ए एम, मई 31
सोमवती अमावस्या 2022 अशुभ मुहूर्त-
राहुकाल- 07:08 ए एम से 08:51 ए एम
यमगण्ड- 10:35 ए एम से 12:19 पी एम
आडल योग- 05:24 ए एम से 07:12 ए एम
दुर्मुहूर्त- 12:46 पी एम से 01:42 पी एम
गुलिक काल- 02:02 पी एम से 03:46 पी एम
वर्ज्य- 01:05 ए एम, मई 31 से 02:52 ए एम, मई 31
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