इस मंदिर में मन्नत पूरी होने पर माता को चढ़ाई जाती है नई चप्पल

देशभर में ऐसे कई अनोखे मंदिर हैं जिनकी परंपराएं आपको हैरान कर देंगी. अभी कुछ दिनों पहले ही हमने आपको छत्तीसगढ़ के वनदेवी मंदिर के बारे में बताया था

Update: 2022-06-14 07:45 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |  देशभर में ऐसे कई अनोखे मंदिर हैं  जिनकी परंपराएं आपको हैरान कर देंगी. अभी कुछ दिनों पहले ही हमने आपको छत्तीसगढ़ के वनदेवी मंदिर के बारे में बताया था जहां प्रसाद के रूप में भक्त माता को मिष्ठान या फल-फूल नहीं बल्कि कंकड़-पत्थर चढ़ाते हैं (Stones offered at this temple). आज बात ऐसे ही एक और अनोखे मंदिर की जहां मन्नत पूरी होने पर देवी मां को सैंडल और चप्पलें चढ़ायी जाती हैं.

भोपाल में है ये अनोखा जीजीबाई मंदिर
आम तौर पर मंदिरों में चप्पल जूते पहनकर जाना मना होता है (Footwear not allowed) इसलिए हम सब अपने फुटवेयर को मंदिर के बाहर ही खोल देते हैं. लेकिन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक ऐसा अनोखा मंदिर है जहां मन्नत पूरी होने पर देवी मां को नई सैंडल और चप्पलें भेंट की जाती हैं (New sandals are offered to goddess). आपको ये सुनकर आश्चर्य तो जरूर हो रहा होगा. भोपाल के कोलार इलाके में पहाड़ी पर बना यह मां दुर्गा का मंदिर है जिसे सिद्धिदात्री पहाड़वाला मंदिर कहा जाता है. कई लोग इसे जीजीबाई मंदिर  के नाम से भी जानते हैं.
मन्नत पूरी होने पर भक्त चढ़ाते हैं चप्पल और सैंडल
ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में लोग मन्नत मांगते आते हैं और जब उनकी मन्नतें पूरी हो जाती हैं तो वे यहां पर माता को नई चप्पल या सैंडल चढ़ावे के रूप में चढ़ाते हैं. सिर्फ चप्पलें ही नहीं बल्कि इस मंदिर में लोग चश्मा, टोपी और घड़ी भी माता को भेंट करते हैं. स्थानीय लोगों की मानें तो यह परंपरा करीब 20 सालों से चली आ रही है.
बेटी की तरह यहां रखा जाता है माता का ख्याल
इस मंदिर की स्थापना के पीछे कहानी ये है कि ओम प्रकाश महाराज नाम के एक शख्स ने यहां मूर्ति स्थापना के साथ ही शिव-पार्वती का विवाह कराया था और खुद कन्यादान भी किया था. इसलिए वे मां सिद्धदात्री  को अपनी बेटी मानकर उनकी पूजा करते हैं. जीजीबाई मंदिर में स्थापित देवी का ख्याल बेटी की तरह रखा जाता है और उनकी हर इच्छा पूरी की जाती है. लोगों की मानें तो जब ऐसा आभास हो जाता है कि माता चढ़ाए गए कपड़ों से खुश नहीं है तो एक दिन में दो-तीन बार भी उनके कपड़े बदले जाते हैं. यह मंदिर दिनभर खुला रहता है और लोग माता के दर्शन करने और मन्नत मांगने आते हैं. भक्त माता को जो चप्पलें चढ़ाते हैं उन्हें जरूरतमंदों को बांट दिया जाता है


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