कभी न करें ऐसी जगह पर रुकने की गलतियां : आचार्य चाणक्य

कई बार एक छोटी सी गलती व्‍यक्ति को बड़ी मुसीबत में फंसा देती है. यदि वह समय पर न संभले तो होने वाले नुकसान की भरपाई कर पाना संभव नहीं हो पाता है.

Update: 2022-03-31 09:20 GMT

कई बार एक छोटी सी गलती व्‍यक्ति को बड़ी मुसीबत में फंसा देती है. यदि वह समय पर न संभले तो होने वाले नुकसान की भरपाई कर पाना संभव नहीं हो पाता है. आचार्य चाणक्‍य ने अर्थशास्‍त्र, कूटनीति, राजनीति के अलावा व्‍यवहारिक जीवन के लिए भी कई महत्‍वपूर्ण बातें बताई हैं. यदि इन बातों को अपना लिया जाए तो कई बड़ी मुसीबतों से बचा जा सकता है.

ऐसी जगहों पर कभी न ठहरें
आचार्य चाणक्य कहते हैं ने कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताया है जहां पर न ठहरना ही बेहतर होता है. इसमें कुछ ऐसी परिस्थितियां और लोग भी शामिल हैं, जिनसे दूर ही रहना चाहिए.
सूखाग्रस्‍त क्षेत्र: चाणक्‍य नीति कहती है कि व्‍यक्ति को ऐसे क्षेत्र में नहीं रुकना चाहिए, जहां अकाल पड़ गया हो. ऐसी जगह पर रुकना उसके और उसके परिवार के जीवन पर भारी पड़ सकता है. बेहतर होगा कि ऐसी जगह से जल्‍द से जल्‍द निकल जाएं.
दुष्ट व्यक्ति: दुष्‍ट व्‍यक्ति से हमेशा दूर रहें क्‍योंकि वो आपका कितना भी अच्‍छा दोस्‍त क्‍यों न बन जाए, वो कभी न कभी आपको नुकसान पहुंचाने की कोशिश जरूर करेगा.
झगड़ा-मारपीट: यदि किसी जगह पर दंगा या मारपीट हो तो वहां कभी न ठहरें. यह आपके जीवन और प्रतिष्‍ठा के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है.
शत्रु का हमला: यदि आप पर कभी भी दुश्‍मन अचानक हमला कर दे तो उस समय वहां से निकलने में ही भलाई है क्‍योंकि शत्रु को हराना है तो आपका जीवित रहना बहुत जरूरी है. लिहाजा ऐसे मौकों पर पहली प्राथमिकता अपने प्राणों को ही दें.


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