15 अक्टूबर से शुरू हो रही नवरात्रि, कलश स्थापना की विधि

Update: 2023-10-04 11:40 GMT
हिंदू धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं लेकिन नवरात्रि बेहद ही खास मानी जाती है जो कि देवी साधना का महापर्व होता है इस दौरान भक्त मां दुर्गा के अलग अलग रूपों की विधि विधान से पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं नवरात्रि का त्योहार पूरे नौ दिनों तक चलता है इस दौरान पूजा पाठ और व्रत करने से देवी मां की अपार कृपा बरसती है साथ ही दुख परेशानियां भी दूर हो जाती है।
 शारदीय नवरात्रि का त्योहार इस बार 15 अक्टूबर से आरंभ हो रहा है और 24 अक्टूबर को समाप्त हो जाएगा। इस दौरान भक्त देवी मां की भक्ति में लीन रहते हुए पूजा पाठ और व्रत करते हैं शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन कलश स्थापना व पूजन का विधान होता है ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा कलश स्थापना की संपूर्ण विधि से अवगत करा रहे हैं तो आइए जानते हैं।
 शारदीय नवरात्रि पर कलश स्थापना की विधि—
शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन कलश स्थापना का विधान होता है ऐसे में शुभ मुहूर्त में कलश की स्थापना करें। फिर मिट्टी के बर्तन में मिट्टी डालकर इसमें अनाज डालें। इस तरह से तीन परत बनाएं। इसके बाद थोड़ा पानी डाल दें। कलश में गंगाजल भरकर, उसमें कलावा बांधें। इस पानी में सुपारी, अक्षत और सिक्का जरूर डालें।
 इसके बाद आम या अशोक के पांच पत्तों को कलश के किनारे पर रखें। अब नारियल पर लाल वस्त्र बांधकर कलश पर रख दें और इस पर कलावा लपेट दें। इसके बाद माता रानी से प्रार्थना कर कलश को नवरात्रि के नौ दिनों तक माता की प्रतिमा के समक्ष रखें। इस विधि से कलश स्थापना करने से देवी की कृपा बरसती है।
 
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