सोमवार व्रत-पूजा के नियम और व्रत के विधि-विधान

हिंदू धर्म में सप्ताह के सातों दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित हैं.

Update: 2021-11-01 02:21 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भगवान भोलनाथ,उपासना और भक्ति,शिवजी को प्रसन्न, सोमवार का व्रत, व्रत के नियम, पालन आवश्यक है और पूजा के दौरान कौन सी गलतियों को करने से बचना चाहिए.

सोमवार को करें भगवान शिव की उपासना, जानें आज का शुभ-अशुभ समय
सोमवार को करें भगवान शिव की उपासना, जानें आज का शुभ-अशुभ समय
व्रत के ये हैं नियम
भगवान भोलेनाथ को अगर प्रसन्न करना है तो सोमवार का व्रत करने का विशेष महत्व माना जाता है. इस दिन सुर्योदय से पहले उठना चाहिए. इसके बाद स्नान कर साफ कपड़े पहनना चाहिए. घर के आसपास अगर शिवजी का मंदिर है तो वहां जाकर शिवलिंग पर जलाभिषेक या दुग्धाभिषेक करना चाहिए. इसके बाद दिनभर के व्रत का संकल्प लेना चाहिए. इसके बाद शिव जी और मां पार्वती की पूजा करना चाहिए, फिर व्रत
कथा को सुनना चाहिए
शास्त्रों के अनुसार सोमवार का व्रत करने वाले लोगों को तीन पहर में से एक पहर में ही भोजन करना चाहिए. व्रत के दौरान फलाहार किया जा सकता है. मान्यता के अनुसार सोमवार का व्रत तीन तरह का होता है. एक हर सोमवार को किया जाने वाला व्रत, दूसरा सौम्य प्रदोष और तीसरा सोलह सोमवार का व्रत. इन तीनों ही व्रतों को करने में पूजा के नियम और व्रत के विधि-विधान एक जैसे हैं.
शिव पूजन के दौरान रखें न बातों का ध्यान
– शिवजी की पूजा के दौरान जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक किया जाता है. अगर दूध का जलाभिषेक कर रहे हैं तो तांबे के लोटे में दूध न डालें. तांबे के लोटे में दूध को डालने से वह संक्रमित होकर चढ़ाने योग्य नहीं रह जाता है.
– शिवलिंग पर कोई भी वस्तु जैसे दूध, दही या शहद चढ़ाए जाने के बाद ही जलाभिषेक को पूर्ण माना जाता है.
– शिवलिंग पर कभी भी सिंदूर का तिलक या रोली नहीं लगाना चाहिए. हमेशा चंदन का तिलक ही लगाया जाना चाहिए.
– शिव मंदिर की परिक्रमा कभी भी पूरी नहीं करना चाहिए. जहां से दूध बहता है वहां रुक जाना चाहिए और वापस लौटना चाहिए


Tags:    

Similar News

-->