जानिए निर्जला एकादशी पर क्या करें और क्या नहीं

प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी व्रत रखा जाता है। इस बार निर्जला एकादशी का व्रत 10 जून को रखा जाएगा।

Update: 2022-06-04 06:39 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी व्रत रखा जाता है। इस बार निर्जला एकादशी का व्रत 10 जून को रखा जाएगा। वैसे तो हर माह में दो और साल भर कुल 24 एकादशी तिथि होती है, लेकिन निर्जला एकादशी का महत्व सबसे अधिक होता है। शास्त्रों में निर्जला एकादशी को सभी 24 एकादशियों में सबसे अधिक शुभ व पुण्यकारी बताया गया है। मान्यता है कि अकेले निर्जला एकादशी व्रत को रखने से सभी एकादशी व्रतों के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है। इस व्रत में पानी भी पीना वर्जित माना जाता है, इसलिए इसे निर्जला एकादशी कहा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि भगवान विष्णु का आशीर्वाद दिलाने वाली सभी एकादशी व्रत में निर्जला एकादशी व्रत सबसे कठिन होती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि निर्जला एकादशी व्रत वाले दिन क्या करें और क्या न करें...

निर्जला एकादशी पर क्या करें और क्या नहीं
निर्जला एकादशी व्रत को सबसे कठिन माना जाता है। इस समय गर्मी अधिक है और इस एकादशी व्रत में जल ग्रहण करना भी वर्जित है। इसलिए आपको मानसिक तौर पर स्वयं को मजबूत रखना होगा।
निर्जला एकादशी व्रत के एक दिन पूर्व से मांस, मदिरा और तामसिक भोज्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। वहीं दशमी के दिन भी सात्विक भोजन ही करें।
निर्जला एकादशी व्रत के दौरान आत्म संयम और ब्रह्मचर्य का पालन करना होगा। इस दिन दान पुण्य का भी बहुत महत्व होता है। व्रत वाले दिन जल से भरा हुआ कलश दान करें। प्यासे लोगों को पानी पिलाएं।
निर्जला एकादशी वाले दिन अपने घर की छत या खुले में किसी पेड़ के नीचे पशु-पक्षियों के लिए पानी और दाना की व्यवस्था करें।
एकादशी वाले दिन घर में झाड़ू भी नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करने से छोटे जीव जैसे कीट, पतंग, चींटी आदि मर सकते हैं, इससे जीव हत्या का दोष लग सकता है।
निर्जला एकादशी के दिन यदि किसी ने व्रत नहीं भी रखा है तो उसे इस दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। चावल के अलावा इस दिन बैंगन, गाजर, शलजम आदि खाना वर्जित है।
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