जानें जगन्नाथ रथ के 15 दिन के एकांतवास का रहस्य

जगन्नाथ भक्तों को हर साल षाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को होने वाली जगन्नाथ रथ यात्रा का इंतजार रहता है

Update: 2022-06-15 06:15 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जगन्नाथ भक्तों को हर साल षाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को होने वाली जगन्नाथ रथ यात्रा का इंतजार रहता है. बता दें भगवान अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा दोनों के साथ तीन अलग-अलग विशाल रथ पर सवार होकर अपने धाम से निकल कर गुंडिचा मंदिर जाते हैं. मान्यताओं के अनुसार गुंडिचा मंदिर उनकी मौसी का घर है. इस दौरान सात दिनों के लिए गुंडिचा मंदिर ही जगन्नाथ जी का निवास होता है. ऐसे में जगन्नाथ रथ यात्रा की तिथि और महत्व के बारे में पता होना जरूरी है. आज का हमारा लेख इसी विषय पर है. आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि जगन्नाथ रथ यात्रा तिथि क्या है और इससे जुड़े महत्वपूर्ण बिंदु क्या हैं.

15 दिन का एकांतवास क्यों?
ज्येष्ठ पूर्णिमा 14 जून को थी. इस अवसर पर जगन्नाथ जी, बलभद्र जी और सुभद्रा जी ये तीनों 108 घड़ों के जल से स्नान करते हैं, इस स्नान को सहस्त्रधारा स्नान के नाम से जाना जाता है. 108 घड़ों के ठंडे जल स्नान के कारण जगन्नाथ जी, बलभद्र जी और सुभद्रा जी तीनों बीमार हो गए हैं. ऐसे में अब वे तीनों 14 दिनों तक एकांतवास में रहेंगे और एकांतवास के बाद वे अपने भक्तों को दर्शन देंगे. बता दें जब तक वे चतीनों एकांतवास में रहेंगे तब मंदिर के कपाट नहीं खुलेंगे. 
सात दिन रहेंगे गुंडिचा मंदिर
जगन्नाथ जी का स्वास्थ ठीक होने के बाद वे आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितिया तिथि को रथ यात्रा पर निकलेंगे. बता दें कि इस साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितिया तिथि 1 जुलाई 2022 है. इस दिन तीन रथ तैयार होंगे, जिसमें भगवान जगन्नाथ, बलभद्र जी और सुभद्रा जी सवार होकर अपनी मौसी के गुंडिचा मंदिर जाएंगे. वहां वे तीनों सात दिनों तक आराम करेंगे और फिर दशमी तिथि पर भगवान मुख्य मंदिर लौटेंगे
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