नई दिल्ली : सनातन धर्म में कई पेड़-पौधें ऐसे हैं, जिनमें किसी न किसी देवी-देवता का वास होता है। इनमें से एक है पीपल का पेड़। धार्मिक मान्यता है कि पीपल के पेड़ की उपासना करने से शनि की साढ़े साती और ढैय्या से मुक्ति मिलती है। पेड़ में जगत के पालनहार भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी का वास माना गया है। प्राचीन समय से पीपल के पेड़ पास दीपक जलाने का रिवाज चला रहा है। ऐसा माना जाता है कि दीपक जलाने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में आने वाली सभी तरह की बाधाओं से छुटकारा मिलता है।
दीपक जलाते समय कई बातों का ध्यान रखना बेहद आवश्यक होता है। मान्यता है कि नियमों का पालन न करने से अशुभ परिणाम देखने को मिलते हैं।पीपल के पास दीपक जलाने के नियम
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पीपल के पास दीपक जलाना बेहद शुभ माना गया है। दीपक जलाने के बाद पेड़ की सच्चे मन से 7 परिक्रमा लगाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान शनि देव प्रसन्न होते हैं।
रात में न जलाएं दीपक
अगर आप किसी कारण संध्याकाल में दीपक नहीं जला पाएं हैं, तो रात में भूलकर भी न जलाएं। मान्यता है कि पीपल के पास रात्रि में दीपक जलाने से जातक को शुभ परिणाम प्राप्त नहीं होते।
इस दिन जलाएं दीपक
पीपल के पास गुरुवार और शनिवार के दिन दीपक जलाना उत्तम माना जाता है। दीपक जलाने के लिए सरसों के तेल का प्रयोग करें।
पूजा से मिलता है ये लाभ
मान्यता के अनुसार, पीपल में ब्रह्मा, विष्णु और शिव का वास होता है। यही वजह है कि यह वृक्ष पूजनीय है। इसकी पूजा करने से तीनों देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
करें ये उपाय
पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए रोजाना पीपल की जड़ में जल अर्पित करना लाभकारी होगा। इसके साथ ही पीपल के पौधे लगाना शुभ माना गया है। इस वृक्ष की पूजा करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है।