जानें दिसंबर माह के व्रत और त्योहार

Update: 2022-11-30 03:16 GMT

साल 2022 का आखिरी महीना आने में कुछ ही दिन शेष हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार 9 दिसंबर से पौष माह का प्रारंभ हो जाएगा। पंचांग के अनुसार ही दिसंबर माह का आरंभ मार्गशीर्ष के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के साथ हो रहा है। पौष माह में भगवान विष्णु और सूर्य की उपासना का विशेष महत्व माना जाता है। इसी माह में सूर्य के राशि बदलते ही खरमास लग जाएगा और साथ ही शुभ कार्यों पर रोक लग जाएगी। जहां दिसंबर माह के पहले सप्ताह में मोक्षदा एकादशी व्रत होगा, भगवान विष्णु की कृपा और मोक्ष की प्राप्ति के लिए किया जाने वाला यह व्रत 3 दिसंबर, शनिवार को पड़ेगा। वहीं 9 दिसंबर से पौष माह प्रारंभ हो जाएगा। आइए देखते हैं दिसंबर के सभी व्रत त्योहार की लिस्ट।

दिसंबर 2022 में मनाए जाने वाले व्रत-त्योहार

4 दिसंबर, रविवार- मोक्षदा एकादशी/ गीता जयंती

5 दिसंबर, सोमवार- प्रदोष व्रत/ अनंग त्रयोदशी

7 दिसंबर, मंगलवार- दत्त पूर्णिमा

8 दिसंबर, बुधवार- स्नान-दान पूर्णिमा

11 दिसंबर, रविवार- गणेश चतुर्थी व्रत

16 दिसंबर, शुक्रवार- रुक्मिणी अष्टमी/ खर मास आरंभ

19 दिसंबर, सोमवार- सफला एकादशी

20 दिसंबर, मंगलवार- सुरुप द्वादशी

21 दिसंबर, बुधवार- प्रदोष व्रत/शिव चतुर्दशी व्रत

23 दिसंबर, शुक्रवार- पौष अमावस्या

25 दिसंबर 2022, रविवार-क्रिसमस

26 दिसंबर, सोमवार- विनायकी चतुर्थी व्रत

03 दिसंबर 2022, शनिवार : मोक्षदा एकादशी

मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी मनाई जाती है। ये एकादशी मोक्ष की प्रार्थना के लिए मनाई जाती है। मोक्षदा एकादशी से आशय मोह को नाश करने वाली एकादशी से है। पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 03 दिसंबर 2022, दिन शनिवार को प्रात: 05 बजकर 39 मिनट पर हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन अगले दिन 04 दिसंबर रविवार को प्रात: 05 बजकर 34 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर मोक्षदा एकादशी का व्रत 03 दिसंबर को रखा जाएगा।

8 दिसंबर 2022, गुरुवार : मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन पूजा और व्रत रखने से जीवन में आने वाली कई परेशानियों से मुक्ति मिलती है। शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है कि मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर स्नान, दान और ध्यान विशेष फलदायी होता है। मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति पूरे विश्वास और श्रद्धा से इस व्रत को करता है तो वह इसी जन्म में मोक्ष प्राप्ति कर सकता है। 7 दिसंबर को पूर्णिमा तिथि की शुरुआत प्रातः 08 बजकर 01 मिनट पर होगी और अगले दिन 08 दिसंबर 2022 को सुबह 09 बजकर 37 मिनट पर इसका समापन होगा।

Tags:    

Similar News

-->