जानें होलिका दहन का सबसे उत्तम मुहूर्त

हिंदू धर्म में होलिका दहन को छोटी होली या होलिका दीपक के नाम से जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन का पर्व मनाया जाता है।

Update: 2022-03-10 07:26 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म में होलिका दहन को छोटी होली या होलिका दीपक के नाम से जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन का पर्व मनाया जाता है। इसके अगले दिन चैत्र माह की प्रतिपदा तिथि को रंगोत्सव मनाते हैं। भद्रा रहित, प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा तिथि, होलिका दहन के लिये उत्तम मानी जाती है। अगर भद्रा रहित, प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा का अभाव हो, तो भद्रा मध्य रात्रि से पहले ही समाप्त हो जाए तब होलिका दहन करना चाहिए। अगर भद्रा मध्य रात्रि तक व्याप्त हो तो ऐसी परिस्थिति में भद्रा पूंछ के दौरान होलिका दहन किया जा सकता है।

सूर्य व चंद्रमा की स्थिति-
होलिका दहन के दिन चंद्रमा सिंह व सूर्य मीन राशि पर संचरण करेंगे। इस दिन सूर्य नक्षत्र पूर्व भाद्रपद और सूर्य नक्षत्र पद पूर्व भाद्रपद रहेगा।
होलिका दहन के दिन बन रहे ये शुभ मुहूर्त-
ब्रह्म मुहूर्त- 04:53 ए एम से 05:41 ए एम।
प्रातः सन्ध्या- 05:17 ए एम से 06:29 ए एम।
अभिजित मुहूर्त- 12:06 पी एम से 12:54 पी एम।
विजय मुहूर्त- 02:30 पी एम से 03:18 पी एम।
गोधूलि मुहूर्त- 06:18 पी एम से 06:42 पी एम।
सायाह्न सन्ध्या- 06:30 पी एम से 07:42 पी एम
अमृत काल- 06:07 पी एम से 07:43 पी एम।
निशिता मुहूर्त- 12:05 ए एम, मार्च 18 से 12:53 ए एम, मार्च 18।
होलिका दहन 2022 मुहूर्त - 09:06 पी एम से 10:16 पी एम
अवधि - 01 घण्टा 10 मिनट्स
रंगवाली होली तिथि 2022-
रंगवाली होली शुक्रवार, मार्च 18, 2022 को
भद्रा पूंछ - 09:06 पी एम से 10:16 पी एम
भद्रा मुख - 10:16 पी एम से 12:13 ए एम, मार्च 18
पूर्णिमा तिथि मार्च 2022-
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ - मार्च 17, 2022 को 01:29 पी एम बजे।
पूर्णिमा तिथि समाप्त - मार्च 18, 2022 को 12:47 पी एम बजे।


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