जानिए सोम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त

Update: 2022-07-24 10:21 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।    हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन मास की त्रयोदशी तिथि को सावन प्रदोष व्रत पड़ता है। इस बार सोमवार को पड़ने के कारण इसे सोम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाएगा। इस बार का प्रदोष व्रत काफी खास है। क्योंकि सावन का दूसरा सोमवार होने के साथ-साथ कई शुभ योग बन रहे हैं। जानिए सोम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

सावन महीने के सोम प्रदोष को अधिक महत्व है। क्योंकि सावन के मीह में पड़ने वाले हर सोमार के दिन भगवान शिव कीविधिवत पूजा करने से वह जल्द प्रसन्न हो जाते हैं। इसलिए सोमवार का दिन और प्रदोष व्रत पर शिवजी की पूजा करने से कई गुना अधिक फलों की प्राप्ति होगी। इसके साथ ही हर कष्ट सेछुटकारा मिल जाएगा।
सोम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त
सावन मास के कृष्‍ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि प्रारंभ- 25 जुलाई 2022 को शाम 04 बजकर 15 मिनट से शुरू
सावन मास के कृष्‍ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि समाप्त- 26 जुलाई 2022 को शाम 06 बजकर 04 मिनट तक
पूजा का शुभ मुहूर्त- 25 जुलाई की शाम 07 बजकर 17 मिनट से लेकर रात 09 बजकर 21 मिनट तक
प्रदोष काल का समय- सूर्यास्त से लगभग 45 मिनट पहले शुरू होता है और 45 मिनट बाद तक मान्य होता है।
सोम प्रदोष व्रत पूजा विधि
सावन के पहले प्रदोष व्रत के दिन देवी पार्वती, भगवान गणेश, भगवान कार्तिकेय और नंदी के साथ भगवान शिव की पूजा की जाती है।
इसके बाद एक अनुष्ठान होता है जहां भगवान शिव की पूजा की जाती है। आप चाहे तो शिवलिंग का पूजन भी कर सकते हैं।
शिवलिंग को दूध, दही और घी जैसे पवित्र पदार्थों से स्नान कराया जाता है। इसके बाद जल से स्नान करा दें।
भगवान को फूल, माला के साथ बेलपत्र, धतूरा आदि चढ़ा दें।
अब भोग लगा दें।
भोग लगाने के बाद धूप-दीप जलाकर भगवान शिव के मंत्र, चालीसा और व्रत कथा का पाठ कर लें।
अंत में शिवजी की विधिवत आरती कर लें।


Tags:    

Similar News

-->