जानिए वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में रखी वस्तुओं को समय पर खिसकाते रहने से, परिवार में कभी नहीं होगी अनबन

घर में एक ही जगह लंबे समय तक रखी हुई वस्तुएं वास्तु के हिसाब से ठीक नहीं रहती

Update: 2020-12-03 12:43 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। गतिशीलता विकास की कुंजी है. जो व्यक्ति या चीज गतिशील नहीं होती है उसका विकास रुक जाता है. इसी तरह वास्तु शास्त्र में भी ठहराव अच्छा नहीं माना गया है. इसलिए हमें समय-समय पर घर में रखी वस्तुओं को दाएं-बाएं, आगे-पीछे हटाते रहना चाहिए क्योंकि घर में एक ही जगह लंबे समय तक रखी हुई वस्तुएं वास्तु के हिसाब से ठीक नहीं रहती. जानिए ऐसी कौन-कौन सी चीजें हैं जिनमें हमें एक अंतराल के बाद बदलाव करते रहना चाहिए.

घर में सबसे स्थायी चीज वस्तु या पलंग होता है. घर में एक जगह बिछाया गया पलंग या बेड या तख़्त महीनों एक जगह पड़ा रहता है. इससे पति-पत्नी के बीच झगड़े बने रहते हैं. परिवार में वाद-विवाद बना रहता है. ऐसा इसलिए होता है कि जिस स्थान पर बेड / पलंग / तख़्त आदि पड़ा होता है. उसके नीचे सफाई नहीं हो पाती है. उसके नीचे गंदगी होने से नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है. धीरे धीरे इसका विकास होता है और उस कमरे में रहने वाले के अन्दर नकारात्मक ऊर्जा का फैलने लगती है जिससे आपस में वाद-विवाद शुरू हो जाता है.
बेड के अन्दर रखा अधिक सामान भी स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालता है. बेड के अन्दर लोहे का या स्टील का सामान बिल्कुल न रखें. इससे कमर दर्द, रीढ़ की हड्डी की प्रॉब्लम और नींद ना आने जैसी समस्याएं धीरे-धीरे जड़ पकड़ लेती हैं.
घर में दूसरी सबसे भारी वस्तु होती है सेफ या आलमारी. आलमारी में कपड़े के साथ घर की अन्य चीजें भी रखी जाती हैं. किसी एक विशेष अलमारी में सोने-चांदी के गहने, जमीन या मकान आदि के कागजात और कुछ रुपये पैसे रखे जाते हैं. कई बार आलमारी का मूवमेंट नहीं होता. इससे घर का पैसा अनावश्यक खर्चे में व्यय हो जाता है. लक्ष्मी चंचला हैं. उन्हें भी थोड़ी गति दिया जाना चाहिए. अलमारी को महीने दो महीने में हिलाना चाहिए. उसे एक-दो इंच या फिट इधर उधर खिसकाना चाहिए. इससे धन का मूवमेंट भी बना रहेगा. मन में प्रसन्नता रहेगी.
घर में रखी फ्रिज, अनाज की टंकी और सोफे भी एक समय के बाद नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करने लगते हैं. कभी कभी सोफे इतने वजनी होते है या फिर जगह न होने के कारण खिसकाए नहीं जा सकते हैं. ऐसे में स्वच्छता की उचित व्यवस्था रखें और संभव हो तो उसके अन्दर प्रकाश की उचित व्यवस्था करें.


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