जानिए शिव उपासना में न करें इन पूजा सामग्रियों का प्रयोग

आज सावन का पहला सोमवार व्रत है। सावन माह में सोमवार व्रत रखने का विशेष महत्व होता है।

Update: 2022-07-18 04:53 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज सावन का पहला सोमवार व्रत है। सावन माह में सोमवार व्रत रखने का विशेष महत्व होता है। सावन सोमवार व्रत में सुबह-सुबह भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष रूप से और विधि-विधान से आराधना की जाती है। सुबह स्नान करने के बाद शिव मंदिर जाकर भगवान भोलनाथ का जलाभिषेक करते हुए पूजा आराधना की जाता है। सावन माह के सोमवार के दिन महिलाएं और अविवाहित कन्याएं भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विशेष रूप से शिव-पार्वती की पूजा-पाठ, कथा और आरती करती हैं। ऐसी मान्यता है कि सावन महीने में पड़ने सोमवार व्रत करने से भगवान शिव जल्दी ही हर तरह की मनोकामनाएं जल्द ही पूरी कर देते हैं।

सावन सोमवार पूजा विधि
सावन का महीना भगवान शिव की पूजा-उपासना करने से लिए सबसे उत्तम समय होता है। जिसमें पड़ने वाले सोमवार का विशेष महत्व होता है क्योंकि सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है। ऐसे में सावन सोमवार के दिन सुबह जल्दी उठते हुए घर और पूजा स्थल की साफ-सफाई करने के बाद स्नान करें। स्नान करने के बाद घर के पूजा स्थल पर भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति को स्थापित करते हुए व्रत का संकल्प लें। पूजा में भगवान शिव और माता पार्वती की षोडशोपचार पूजन करें। इसके बाद घर के पास स्थित शिवमंदिर में जाकर शिवलिंग का जलाभिषेक करें। जलाभिषेक में गंगाजल, घी, गन्ने का रस, दूध और दही का प्रयोग करें। पूजा के दौरान लगातार ऊं नम:शिवाय मंत्र का जाप करें। इसके बाद शिव मंदिर में भगवान शिव की मूर्ति के समक्ष बैठकर शिव चालीसा और रुद्राष्टक का पाठ करें। इसके बाद शिव कथा और आरती करें।
शिव उपासना में न करें इन पूजा सामग्रियों का प्रयोग
भगवान शिव की पूजा-उपासना में बेलपत्र,शमी, भांग,धतूरा, दूध और दही प्रयोग किया जाता है। लेकिन कुछ ऐसी चीजें भी है जिसे भूलकर भी भगवान शिव की पूजा में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। शास्त्रों में इन चीजों को वर्जित माना गया है। शिवजी की पूजा में कभी भी तुलसी के पत्तों और केतकी के फूलों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। शिवलिंग पर कभी हल्दी या कुमकुम लगाकर पूजा नहीं करना चाहिए। इसके अलावा नारियल के पानी से शिवलिंग का अभिषेक नहीं करना चाहिए।
सावन सोमवार 2022 की तिथियां-
सावन का पहला सोमवार- 18 जुलाई
सावन का दूसरा सोमवार- 25 जुलाई
सावन का तीसरा सोमवार- 01 अगस्त
सावन का चौथा सोमवार- 08 अगस्त
सावन का आखिरी दिन- 12 अगस्त
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