जानें किन लोगों के लिए शुभ हैं यह प्रभावशाली रत्न......धन-यश-सुख समेत बहुत कुछ दिलाता है
रत्न शास्त्र (Gemology) में सुझाए गए कुछ रत्न बेहद शक्तिशाली होते हैं. यह बहुत कम समय में अपना अच्छा-बुरा असर दिखा देते हैं. इन प्रभावशाली रत्नों में पुखराज (Pukhraj) शामिल हैं, जो धन-ऐश्वर्य, मानसिक शांति देता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कुंडली (Kundali) में ग्रहों की स्थिति को ठीक करके उनसे अच्छे फल पाने के लिए रत्न (Gemstone) पहने जाते हैं. इसके लिए रत्न शास्त्र (Gemology) में रत्न, उप रत्न और विशेष रत्न सुझाए गए हैं. इनमें से कुछ रत्न तो बेहद प्रभावशाली होते हैं, जिनका अच्छा-बुरा असर बहुत जल्दी और बड़े रूप में सामने आता है. आज हम एक ऐसे ही प्रभावशाली रत्न पुखराज (Topaz) के बारे में जानते हैं, जो कि गुरु ग्रह का प्रतिनिधि रत्न है. यह रत्न भाग्य बढ़ाने के साथ-साथ पैसों की तंगी भी दूर करता है.
ढेरों फायदे देता है पुखराज
अपने लक्ष्य को पाने के लिए मन को शांत करके एकाग्रता पाना चाहते हों तो पुखराज (Pukhraj)बहुत ही अच्छा रत्न है. इससे जिंदगी में सुख भी आता है और संपन्नता भी बढ़ती है. कुछ राशियों की लड़कियों को विवाह में देरी से बचाने के लिए पुखराज पहनने को असरकारक बताया गया है. दरअसल, इस रत्न को भगवान गणेश का सहयोगी माना जाता है और गणेश जी धन-बुद्धि, वैभव-ऐश्वर्य देने वाले हैं, इसलिए यह रत्न पहनने से यह सब मिलता है.
किन राशियों के लिए शुभ-अशुभ है पुखराज
धनु और मीन राशियों के जातकों के लिए पुखराज बेहद शुभ और लाभदायी माना गया है. वहीं मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक राशि के जातक भी इसे पहनकर ठीक-ठाक नतीजे पा सकते हैं. हालांकि वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला, मकर और कुंभ राशि के जातकों को ये रत्न नहीं पहनना चाहिए. इन राशियों को पुखराज पहनने से नुकसान हो सकता है. चूंकि पुखराज कीमती रत्न है और प्रभावशाली भी है लिहाजा सभी राशियों के लोगों को विशेषज्ञ से सलाह लेने के बाद भी यह रत्न पहनना चाहिए.
ऐसा पुखराज कराएगा नुकसान
पुखराज को यदि पन्ना, नीलम, हीरा, गोमेद और लहसुनिया रत्नों के साथ पहन लिया जाए तो यह नुकसान कराता है. लिहाजा इसे पहनने के लिए विशेषज्ञ से सलाह लेते समय रत्नों के कॉम्बीनेशन पर भी सलाह लें.
ऐसे धारण करें पुखराज
पुखराज हमेशा कम से कम 2 कैरेट या उससे ज्यादा का वजन का पहनना चाहिए. पुखराज को सोने में जड़वाकर गुरुवार के दिन गंगा जल या दूध में कुछ देर रखने के बाद पहनना चाहिए. इसे दाएं हाथ की तर्जनी में पहना जाता है.