जानिए स्कन्द षष्ठी की आरती के बारे में.

आज आषाढ़ माह की स्कन्द षष्ठी व्रत (Skand Shashthi) है. इस दिन शिव पुत्र भगवान कार्तिकेय की पूजा करते हैं

Update: 2022-07-05 05:59 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज आषाढ़ माह की स्कन्द षष्ठी व्रत (Skand Shashthi) है. इस दिन शिव पुत्र भगवान कार्तिकेय की पूजा करते हैं और उनकी आरती (Aarti) उतारते हैं. उनके आशीर्वाद से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं और संतान से जुड़ी समस्याओं या संकटों का समाधान होता होता है. स्कन्द षष्ठी व्रत संतान के सुखमय जीवन के लिए रखा जाता है. पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र के अनुसार, आज के दिन त्रिपुष्कर योग, सिद्धि योग और रवि योग बन रहे हैं, ये दोनों ही योग शुभ और आपकी मनोकामनाओं को पूरा करने वाले हैं. रवि योग आज सुबह 08:44 बजे से कल सुबह 05:28 बजे तक है, वहीं सिद्धि योग सुबह से दोपहर 12:22 बजे तक है.

स्कन्द षष्ठी 2022 मुहूर्त
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि का प्रारंभ: आज, शाम 06:32 बजे से
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि का समापन: कल, शाम 07:28 बजे पर.
त्रिपुष्कर योग: आज शाम 07:28 बजे से कल सुबह 05:29 बजे तक
आज का शुभ समय या अभिजित मुहूर्त: आज दिन में 11:58 बजे से दोपहर 12:53 बजे तक
भगवान कार्तिकेय की आरती या स्कंद कुमार की आरती
जय जय आरती वेणु गोपाला
वेणु गोपाला वेणु लोला।
पाप विदुरा नवनीत चोरा
जय जय आरती वेंकटरमणा।
वेंकटरमणा संकटहरणा
जय जय आरती…
सीता राम राधे श्याम
जय जय आरती गौरी मनोहर।
गौरी मनोहर भवानी शंकर
साम्ब सदाशिव उमा महेश्वर।
जय जय आरती…
जय जय आरती राज राजेश्वरि
राज राजेश्वरि त्रिपुरसुन्दरि।
महा सरस्वती महा लक्ष्मी
महा काली महा लक्ष्मी।
जय जय आरती…
जय जय आरती आन्जनेय
आन्जनेय हनुमन्ता।
जय जय आरति दत्तात्रेय
दत्तात्रेय त्रिमुर्ति अवतार।
जय जय आरती…
जय जय आरती सिद्धि विनायक
सिद्धि विनायक श्री गणेश
जय जय आरती सुब्रह्मण्य
सुब्रह्मण्य कार्तिकेय
जय जय आरती…
भगवान कार्तिकेय का पूजा मंत्र
देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव
कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते॥
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