जानिए आचार्य चाणक्य की नीतियां के अनुसार एक भ्रष्ट और बुरे चरित्र वाली महिला के बारे में
आचार्य चाणक्य की नीतियां सही तरीके से जीवन जीने की राह दिखाती हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेक | आचार्य चाणक्य की नीतियां सही तरीके से जीवन जीने की राह दिखाती हैं. अपने ग्रंथ चाणक्य नीति में उन्होंने ऐसी तमाम बातों का जिक्र किया है जिसका कोई काट नहीं कर सकता. चाणक्य नीति में आचार्य चाणक्य ने जीवन के करीब-करीब हर पहलू को स्पर्श करने की कोशिश की है. कुछ लोगों और उनकी प्रवृत्ति को लेकर चेतावनी देते हुए उन पर कभी भरोसा न करने करने की सलाह भी दी है.
लुब्धानां याचकः शत्रुः मूर्खाणां बोधको रिपुः
जारस्त्रीणां पतिः शत्रुश्चौराणां चंद्रमाः रिपुः
1. आचार्य चाणक्य के अनुसार एक भ्रष्ट और बुरे चरित्र वाली महिला के लिए कहा है कि ऐसी महिला कभी भी भरोसे के लायक नहीं होती. वो हमेशा दूसरे पुरुषों के प्रति आकर्षित होती है. ऐसे में उसके लिए उसका पति ही सबसे बड़ा दुश्मन होता है क्योंकि वहीं उसकी मंशा के बीच में बाधा बनता है.
2. लालची व्यक्ति जहां भी जाता है, उसका सारा ध्यान वहां की महंगी वस्तुओं और धन की ओर होता है. वो सब कुछ अपने पास समेट लेने की मंशा रखता है. ऐसे लोगों पर कभी भी भरोसा नहीं करना चाहिए क्योंकि मौका देखते ही वे फायदा उठाते हैं. ऐसे लोगों को दरवाजे पर आया हुआ याचक भी शत्रु की तरह लगता है, क्योंकि वे कुछ भी किसी और को देना नहीं चाहते.
3. मूर्ख व्यक्ति को हमेशा लगता है कि वही सबसे ज्यादा बुद्धिमान है. ऐसे में उसे किसी का ज्ञान देना पसंद नहीं आता. वो हमेशा खुद की बात को ही सही साबित करने की चेष्टा करता है. उसे ज्ञानी व्यक्ति की कही हर एक बात चुभती है और वो ज्ञानी पुरुष को अपना सबसे बड़ा शत्रु मानता है.
4. चोर के लिए उसका सबसे बड़ा शत्रु चंद्रमा होता है क्योंकि वो चोरी के लिए हमेशा अंधेरे की फिराक में रहता है. ताकि उसकी पहचान उजागर न हो पाए. लेकिन चंद्रमा की रोशनी अंधकार को दूर करती है.